वक्फ बोर्ड विरोध पर अखिलेश और राहुल को निशाना: दिल्ली में लगे वतन, धर्म और पूर्वजों गद्दार कहने वाले होर्डिंग्स

दिल्ली की सड़कों पर उस वक्फ बोर्ड बिल के विरोध का अजीब नज़ारा सामने आया है, जिसके खिलाफ विपक्षी नेता आवाज़ उठा रहे थे। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वतन, धर्म और पूर्वजों का गद्दार जैसे शब्दों के साथ विवादित होर्डिंग्स राजधानी के करीब 20 स्थानों पर लगाए गए हैं। इन होर्डिंग्स में दोनों नेताओं की तस्वीरें भी लगाई गई हैं, जिससे साफ़ है कि इन्हें बदनाम करने की सोची-समझी साजिश रची गई है।
कौन है इसके पीछे?
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इन विवादित होर्डिंग्स को लगाने वाला कौन है। लेकिन सवाल बड़ा है – क्या यह प्रशासन की नाकामी नहीं है कि राजधानी जैसे संवेदनशील शहर में इस तरह के सांप्रदायिक उकसावे वाले बैनर खुलेआम लगाए जा रहे हैं और किसी की कोई पहचान तक नहीं हो पा रही?
प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल
स्थानीय लोग और सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि या तो प्रशासन इस पूरे मामले में सोया हुआ है, या फिर इन होर्डिंग्स को लगाने वालों के साथ मिलीभगत कर चुका है। वक्फ बोर्ड से जुड़ा मुद्दा पहले ही संवेदनशील है, उस पर इस तरह की सार्वजनिक बदनामी और नफरत फैलाने वाली गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
क्या यह लोकतंत्र में विरोध का तरीका है?
लोकतंत्र में असहमति का अधिकार सबको है, लेकिन विरोध के नाम पर घृणा, झूठ और प्रचार की राजनीति को बढ़ावा देना समाज को तोड़ने की साजिश से कम नहीं।
मांग उठ रही है कि इन होर्डिंग्स की तुरंत जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
अखिलेश और राहुल गांधी जैसे नेताओं के खिलाफ ऐसे सार्वजनिक हमलों पर चुप्पी प्रशासन की साख पर भी सवाल खड़ा कर रही है।