बकौल फडणवीस “उद्धव ठाकरे हमारे शत्रु नहीं हैं” क्या ये शिंदे का महायुति से पत्ता कट होने के संकेत है?
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों बड़े बदलावों के कयास लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की हालिया नाराजगी की खबरें और महायुती सरकार में उन्हें दिए गए कम महत्वपूर्ण पद इसे हवा दे रहे हैं। इस बीच, भाजपा और ठाकरे गुट के बीच नजदीकियां बढ़ने की अटकलें भी जोर पकड़ रही हैं।
हाल ही में आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इसे मुंबई के विकास कार्यों और समस्याओं पर चर्चा के लिए बताया गया, लेकिन इसके बाद से महापालिका (नगर निगम) चुनावों में भाजपा और ठाकरे गुट के गठबंधन की संभावना पर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
फडणवीस ने अपने हालिया बयान में कहा कि “उद्धव ठाकरे हमारे शत्रु नहीं हैं,” जिससे इन अटकलों को और बल मिला। वहीं, उद्धव ठाकरे ने भी अपने बयान में कहा कि “कल क्या होगा, कोई नहीं जानता।” दोनों नेताओं के सकारात्मक रुख को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि महापालिका चुनावों से पहले भाजपा और ठाकरे गुट गठबंधन कर सकते हैं।
हालांकि, यह भी चर्चा है कि भाजपा, शिंदे गुट से दूरी बनाकर ठाकरे गुट के साथ जा सकती है।
इससे पहले, विधानसभा चुनावों में उद्धव ठाकरे ने फडणवीस पर आक्रामक रुख अपनाया था, लेकिन अब उनकी रणनीति में नरमी देखी जा रही है। हाल ही में नागपुर में हुए एक कार्यक्रम में फडणवीस ने ठाकरे के साथ गठबंधन के संकेत दिए। इसके अलावा, पिछले कुछ दिनों में आदित्य ठाकरे तीन बार फडणवीस से मुलाकात कर चुके हैं।
शिवसेना ठाकरे गुट के मुखपत्र ‘सामना’ में फडणवीस की तारीफ भी की गई है। इन सभी घटनाक्रमों के बाद, ऐसा माना जा रहा है कि आगामी चुनावों में महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरण देखने को मिल सकते हैं।