Breaking NewsIndia & The StatesPoliticsTelangana

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर रेवंत रेड्डी का हमला: शहीदों में संघीयों का कोई नामोनिशान नहीं

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और इसके प्रमुख मोहन भागवत पर तीखा हमला करते हुए आजादी की लड़ाई में संघ की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। रेड्डी ने कहा कि RSS ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि संघ का कोई भी सदस्य आजादी की लड़ाई में शहीद नहीं हुआ।

रेड्डी ने यह बयान राज्य में एक सभा को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कहा, “जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था और हर भारतीय आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था, तब RSS ने खुद को इस लड़ाई से दूर रखा। स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों के बलिदान की कहानी में संघ का नाम कहीं नहीं आता।”

RSS पर इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप
रेड्डी ने संघ पर इतिहास को गलत तरीके से पेश करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि RSS अपने एजेंडे के तहत स्वतंत्रता संग्राम के तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश करता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संघ ने हमेशा सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा दिया और भारतीय समाज को बांटने का काम किया।

भाजपा और संघ से जुड़े नेताओं की प्रतिक्रिया का इंतजार
रेड्डी के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। भाजपा और संघ के नेताओं ने फिलहाल इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि यह बयान आगामी चुनावों के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी खींचतान को और बढ़ा सकता है।

रेड्डी का बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी आगामी चुनावों में भाजपा को टक्कर देने के लिए ऐसी बयानबाजी का सहारा ले रही है। रेवंत रेड्डी का यह बयान संघ और भाजपा पर निशाना साधने के साथ-साथ कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष एजेंडे को मजबूत करने का प्रयास हो सकता है।

RSS का इतिहास
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी। संघ ने अपनी स्थापना के बाद से खुद को सांस्कृतिक संगठन के रूप में प्रस्तुत किया है। हालांकि, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संघ का कोई सीधा जुड़ाव नहीं रहा। संघ के समर्थक यह तर्क देते हैं कि संगठन ने अप्रत्यक्ष रूप से देश की सेवा की, जबकि इसके आलोचक इसे आजादी के आंदोलन से दूर रहने वाला संगठन मानते हैं।

रेड्डी के इस बयान से राजनीतिक पारा चढ़ गया है। देखना होगा कि भाजपा और संघ इस पर क्या जवाब देते हैं और यह विवाद चुनावी राजनीति को कितना प्रभावित करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
hi Hindi