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सीजफायर के बाद भी गाजा में इजरायली हमला, 100 की मौत, नेतन्याहू पर बढ़ा दबाव

सीजफायर की शर्तें और विवाद
हमास और इजराइल के बीच 15 महीनों से जारी जंग खत्म करने के उद्देश्य से संघर्ष विराम की घोषणा की गई, लेकिन यह विवादों में घिर गया है। समझौते के तहत गाजा के नेटजारीम गलियारे से 700 मीटर की दूरी बनाए रखने, राफा सीमा क्रॉसिंग खोलने, और हमास द्वारा घायल लड़ाकों को सौंपने की शर्तें रखी गई थीं। बदले में इजराइल को 3,000 लड़ाकों को रिहा करना और हमास को इजरायली बंधकों को छोड़ना था।

संघर्ष विराम का उल्लंघन
रविवार, 19 जनवरी से संघर्ष विराम लागू होने की घोषणा के बावजूद, इजराइल ने गाजा पर एयर स्ट्राइक कर दी, जिसमें 100 लोगों की मौत हो गई। इससे मानवीय संकट और गहरा गया। कतर के प्रधानमंत्री ने संघर्ष विराम को लेकर बयान दिया था, लेकिन इससे पहले ही इजराइल ने हमला कर दिया।

राजनीतिक विवाद और इस्तीफे की धमकी
इस समझौते को लेकर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने सहयोगियों से घिर गए हैं। नेशनल सिक्योरिटी मिनिस्टर इतामार बेन-गविर ने इसे ‘लापरवाह समझौता’ करार देते हुए इस्तीफे की धमकी दी। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों की रिहाई और गाजा में उनकी वापसी से इजराइल की सुरक्षा को खतरा होगा।

हमास-इजराइल के बयान
हमास ने इस संघर्ष विराम को अपनी जीत और इजराइल की हार बताया है। वहीं, नेतन्याहू ने बयान दिया कि हमास को अपनी नई मांगें छोड़नी होंगी और गाजा में पीछे हटना होगा। उन्होंने संघर्ष विराम पर चर्चा के लिए सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक बुलाने की बात कही।

स्थिति तनावपूर्ण, स्थायी समाधान की कमी
15 महीनों की लड़ाई के दौरान कई बार संघर्ष विराम की घोषणाएं हुईं, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। नवंबर 2023 में भी सात दिनों का सीजफायर हुआ था, जिसमें 100 से अधिक बंधकों की रिहाई हुई थी। लेकिन इस बार भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और संघर्ष विराम के टिकाऊ होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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