खुलदाबाद का नाम होगा रतनपुर: औरंगजेब की कब्र को लेकर मंत्री संजय शिरसाट का बड़ा बयान

संभाजी महाराज के स्मारक की भी उठी मांग, नाम बदलने के फैसले पर छिड़ी बहस
औरंगाबाद: औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब खुलदाबाद के नाम को बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। जिले के संरक्षक मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने रविवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जल्द ही खुलदाबाद का नाम बदलकर ‘रतनपुर’ किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि यह क्षेत्र का प्राचीन नाम है जिसे औरंगजेब ने बदलकर खुलदाबाद कर दिया था।
मंत्री शिरसाट ने कहा, “जैसे औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजीनगर किया गया, वैसे ही खुलदाबाद का भी पुराना गौरव लौटाया जाएगा। हम सभी ऐसे स्थानों के ऐतिहासिक नामों को पुनर्स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं।”
छत्रपति स्मारकों की मांग:
शिरसाट ने यह भी बताया कि खुलदाबाद में छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी महाराज के स्मारक बनाने की मांग लगातार की जा रही है और सरकार इस पर सकारात्मक विचार कर रही है। कई सामाजिक संगठनों ने इसके लिए ज्ञापन भी सौंपे हैं।
विवाद और विरोध:
हालांकि, इस घोषणा के साथ ही शहर में नाम बदलने को लेकर विरोध के सुर भी तेज हो गए हैं। हिशाम उस्मानी, जिन्होंने पहले औरंगाबाद का नाम बदलने के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, ने इस फैसले को “फूट डालो और राज करो की राजनीति” बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार पानी जैसे मूलभूत मुद्दों की अनदेखी कर रही है और गैर-जरूरी विवाद खड़े कर रही है।
औरंगजेब की कब्र पर बयान:
शिरसाट पहले भी औरंगजेब की कब्र को लेकर बयान दे चुके हैं। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में औरंगजेब जैसे शासक की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने भी कब्र हटाने की मांग की है, जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है।
इतिहास की ओर वापसी:
सरकार का दावा है कि ‘रतनपुर’ नाम क्षेत्र की मूल संस्कृति और परंपरा को दर्शाता है और उसे बहाल करना इतिहास के सम्मान का प्रतीक है।