“नाम बदलने की लहर है, तो अपने बाप का नाम भी बदल लो” – इम्तियाज़ जलील का तीखा हमला

औरंगाबाद में औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासी विवाद गहराता जा रहा है। राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने खुलताबाद का नाम बदलकर रत्नपुर रखने की मांग की है। इस बयान के बाद AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने तीखा पलटवार करते हुए विवाद को और गरमा दिया है।
शिवसेना नेता संजय शिरसाट का बयान:
संजय शिरसाट ने कहा, “औरंगजेब ने हमारे इलाकों के नाम बदल दिए थे, अब वक्त है कि हम अपनी संस्कृति को पुनः स्थापित करें। खुलताबाद को पहले रत्नपुर कहा जाता था, इसलिए उसका नाम बदलकर दोबारा रत्नपुर रखा जाना चाहिए। औरंगजेब की कब्र वहीं है, लेकिन हम उसकी प्रॉपर्टी नहीं छीन रहे, बस ऐतिहासिक गलतियों को सुधार रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “दौलताबाद का नाम भी बदला जाना चाहिए क्योंकि उसका असली नाम देवगिरी है। हम मुख्यमंत्री से इस संबंध में प्रस्ताव पेश करेंगे और विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया जाएगा।”
AIMIM का पलटवार:
AIMIM सांसद इम्तियाज जलील ने इस बयान पर कड़ा जवाब देते हुए कहा, “अब तो नाम बदलने की लहर चल पड़ी है, तो आप अपने बाप का नाम भी बदल लीजिए। शहरों, इमारतों और रास्तों के नाम बदलने से कुछ नहीं होगा।”
जलील ने चुनौती देते हुए कहा, “हिम्मत है तो जाइए गुजरात और अहमदाबाद का नाम बदलिए। अगर अहमदनगर पसंद नहीं आता तो अहमदाबाद कैसे पसंद आता है? मोदी-शाह से कहिए कि गुजरात के शहरों के नाम बदलें।”
नामकरण बनाम विकास:
जलील ने नेताओं की शिक्षा और सोच पर भी सवाल उठाए और कहा, “जनता को ऐसे प्रतिनिधि चुनने चाहिए जो पढ़े-लिखे हों और विकास की बात करें। नाम बदलना मुद्दा नहीं है, नवाचार और प्रगति पर बात होनी चाहिए। लेकिन कुछ नेताओं की सोच ही घटिया होती है और वे राजनीति को भी उसी स्तर पर ले जाते हैं।”
इस बयानबाज़ी के बाद महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर इतिहास, संस्कृति और पहचान को लेकर गर्माहट बढ़ गई है। आने वाले समय में इस मुद्दे पर और बहस होने की संभावना है।