AIMPLB की “वक्फ बचाओ मुहिम” का आगाज़, 10 अप्रैल से 7 जुलाई तक राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा

नई दिल्ली/मुंबई। वक्फ (संशोधन) कानून 2025 को लेकर देशभर में घमासान मचा हुआ है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस कानून के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की है। AIMPLB द्वारा 10 अप्रैल से शुरू हुई यह मुहिम 7 जुलाई तक चलेगी, जिसे “वक्फ बचाओ मुहिम” नाम दिया गया है।
AIMPLB का सड़क से संसद तक विरोध
AIMPLB के अनुसार, यह प्रदर्शन देश के सभी राज्यों की राजधानियों, जिलों, कस्बों और गांवों तक पहुंचाया जाएगा। शुक्रवार की नमाज के बाद मानव श्रृंखला, विरोध मार्च और गिरफ्तारी जैसे कार्यक्रमों के जरिए कानून का विरोध किया जाएगा। इसके साथ ही 22 अप्रैल को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘वक्फ की हिफाजत’ नाम से एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
30 अप्रैल को रात 9 बजे से 9:30 बजे तक देशभर के मुसलमानों से घर, दफ्तर और कारखानों की लाइट बंद करने की अपील की गई है। साथ ही हर जिले में धरना देकर जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
महिला विंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस की रणनीति
AIMPLB महिला विंग के जरिए देश की महिलाओं को भी इस कानून के विरोध में जोड़ने की योजना बना रही है। साथ ही देश के 50 प्रमुख शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस और बुद्धिजीवियों के साथ मीटिंग्स भी होंगी।
BJP का जवाबी हमला
वहीं, महाराष्ट्र BJP ने इस विरोध के जवाब में जनजागृति अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत मुस्लिम बहुल इलाकों में संवाद यात्रा चलाई जाएगी, जिसमें लोगों को वक्फ कानून की व्याख्या की जाएगी और भ्रम दूर किया जाएगा। इस यात्रा के अंत में ‘धन्यवाद मोदी फॉर्म’ भरवाकर सरकार के प्रति समर्थन दर्ज कराने की योजना है।
संसद से राष्ट्रपति तक
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर लंबी बहस के बाद इसे 288 मतों से पारित किया गया, जबकि 232 मत विरोध में पड़े। इसके अगले ही दिन राज्यसभा में भी बिल को 128-95 के अनुपात में मंजूरी मिली। अंततः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति के बाद यह कानून लागू हो गया।
निष्कर्ष
जहां एक ओर AIMPLB इसे मुस्लिम संपत्तियों और धार्मिक अधिकारों पर हमला बता रही है, वहीं सरकार इसे पारदर्शिता और विकास के लिए जरूरी सुधार मान रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और अधिक तूल पकड़ सकता है।