युद्ध नहीं सुरक्षा मजबूत करें: सिद्धारमैया के बयान से मचा राजनीतिक बवाल

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग जोर पकड़ रही है। इसी बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान पर नया विवाद खड़ा हो गया है। पत्रकारों से बातचीत में सिद्धारमैया ने कहा था कि पाकिस्तान से युद्ध की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि हमें अपनी सुरक्षा मजबूत करनी चाहिए। उनके इस बयान का वीडियो पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे लेकर भाजपा ने उन पर तीखा हमला बोला है।
कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने सिद्धारमैया को ‘पाकिस्तान रत्न’ कहते हुए आरोप लगाया कि वह देश की संवेदनशील स्थिति में पाकिस्तान की कठपुतली जैसा व्यवहार कर रहे हैं। अशोक ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सिद्धारमैया का पाकिस्तान में शाही स्वागत होना तय है और वहां उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ भी मिल सकता है। उन्होंने एक पाकिस्तानी चैनल पर सिद्धारमैया के बयान के प्रसारण का वीडियो भी साझा किया।
भाजपा नेताओं ने भी सिद्धारमैया की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता बिना पूरी जानकारी के देश के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जब पूरी दुनिया भारत के साथ खड़ी है, तब सिद्धारमैया का ऐसा बयान निंदनीय है। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी आरोप लगाया कि कांग्रेस पाकिस्तान का बचाव कर रही है और सिद्धारमैया मुस्लिम वोट बैंक के दबाव में काम कर रहे हैं।
सिद्धारमैया ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि युद्ध अंतिम उपाय होना चाहिए, पहला नहीं। उन्होंने केंद्र सरकार की कूटनीतिक कदमों का समर्थन करते हुए कहा कि देश को आंतरिक रूप से एकजुट होकर बाहरी दुश्मनों का सामना करना चाहिए। सिद्धारमैया ने पाकिस्तान को “बीमार और आर्थिक रूप से दिवालिया देश” बताते हुए कहा कि भारत को चतुराई से काम लेना चाहिए और विश्व समुदाय का समर्थन हासिल कर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करना चाहिए।
देश के भीतर बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच, पहलगाम हमले के बाद भारत के कड़े और संतुलित कदमों को लेकर बहस तेज हो गई है।