औरंगाबाद में जमीन घोटाला: फर्जी रजिस्ट्री और नकली मोहर से किसानों के साथ करोड़ों की ठगी
Aurangabad Land Scam
औरंगाबाद : शहर के करमाड क्षेत्र में किसानों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। डीएमआईसी (दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर) परियोजना के तहत, जिन किसानों ने ऑरिक सिटी को जमीन दी थी, उन्हें 15% भूखंड वापस मिलना था। इसी योजना के तहत 6 किसानों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। एक जालसाज ने ऑरिक सिटी के नकली दस्तावेज और फर्जी मोहर बनाकर इन किसानों से करोड़ों रुपये ठग लिए।
धोखेबाज ने किसानों को यह भरोसा दिलाया कि उनके 15% भूखंड अंदरूनी क्षेत्र में हैं, लेकिन वह उन्हें रोड से जुड़े प्लॉट दिलवा सकता है। इसके लिए उसने किसानों से डीडी (डिमांड ड्राफ्ट) जमा कराने को कहा। इस प्रक्रिया में जालसाज ने नकली रजिस्ट्रियों और ऑरिक सिटी की फर्जी मोहर का इस्तेमाल किया, और यहां तक कि औरंगाबाद के एक होटल में बैठकर फर्जी रजिस्ट्री भी की।
जब कुछ किसान ऑरिक सिटी के कार्यालय पहुंचे, तब इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। जालसाज को लगा कि मामला बढ़ सकता है, इसलिए उसने किसानों को उनके पैसे वापस कर दिए और मामले को दबाने की कोशिश की। किसानों से कहा गया कि वे पुलिस में शिकायत दर्ज न करें, और राजनीतिक दबाव की वजह से यह मामला बाहर नहीं आया।
ऑरिक सिटी के अधिकारियों ने इस धोखाधड़ी को गंभीरता से लिया और करमाड पुलिस स्टेशन में जालसाज के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और कुछ लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि, प्रभावित किसानों ने अभी तक पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं करवाई है क्योंकि उन्हें अपने पैसे वापस मिल चुके हैं।
ऑरिक सिटी के समन्वयक महेश पाटिल ने किसानों को चेतावनी दी है कि वे भूखंडों के संबंध में किसी बाहरी व्यक्ति से कोई सौदा न करें और सीधे ऑरिक सिटी के अधिकारियों से संपर्क करें।
इस धोखाधड़ी के मुख्य आरोपी के बारे में यह बताया जा रहा है कि वह लाडगांव इलाके का निवासी है और ऑरिक सिटी में काम करने वाली कुछ कंपनियों से उसका संबंध भी है। पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है।