AIMIM के प्रदेशाध्यक्ष इम्तियाज जलील ने किया भड़काऊ बयानों के खिलाफ ‘चलो मुंबई तिरंगा रैली’ का आयोजन
Tiranga Railly
एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन) के महाराष्ट्र प्रमुख इम्तियाज जलील ने महंत रामगिरी महाराज और भाजपा विधायक नितेश राणे के कथित भड़काऊ बयानों के खिलाफ मोर्चा खोला है। जलील ने औरंगाबाद से ‘चलो मुंबई तिरंगा रैली’ निकाली, जिसमें उन्होंने रामगिरी महाराज की गिरफ्तारी की मांग की।
रैली के दौरान इम्तियाज जलील ने कहा कि महाराष्ट्र में जाति और धर्म के नाम पर दीवारें खड़ी की जा रही हैं, जिससे दंगे भड़काने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने मंच से मुसलमानों को धमकाने के आरोप लगाए और इसे आपराधिक कृत्य करार दिया। जलील ने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या इन आपराधिक कृत्यों पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? हमने इसीलिए मुंबई जाने का फैसला किया है, ताकि मुख्यमंत्री को याद दिला सकें कि देश संविधान और कानून के अनुसार चलेगा।”
जलील ने यह भी मांग की कि ऐसे बयानों, जो किसी जाति, धर्म, या धार्मिक महापुरुषों पर निशाना साधते हैं, के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने चाहिए। उन्होंने पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 60 से अधिक एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जलील का मानना है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के चलते पुलिस निष्क्रिय बनी हुई है।
इम्तियाज जलील ने रैली के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया है कि समाज में एकता और समरसता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि भड़काऊ बयानों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि एआईएमआईएम हमेशा सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ी रहेगी और सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहेगी।
इस प्रकार, इम्तियाज जलील की रैली एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक घटनाक्रम है, जिसका उद्देश्य समाज में शांति और एकता को बढ़ावा देना है।