उद्धव ठाकरे का आरोप: शिंदे सरकार ‘लाडकी बहिन योजना’ से महिलाओं को बना रही गुलाम, मंशा बेनकाब हो चुकी है
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की लाडकी बहिन योजना को लेकर तीखा हमला बोला। ठाकरे ने दावा किया कि यह योजना महिला मतदाताओं के साथ “भाई-बहन” के रिश्ते के बजाय “मालिक-दास” का रिश्ता दर्शाती है और इसका विधानसभा चुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
‘लाडकी बहिन योजना’ पर उद्धव का निशाना
दिप्रिंट को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने कहा, “महायुति सोचती है कि हर महीने 1,500 रुपये देकर महिलाएं उनकी गुलाम बन जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं होगा। इस योजना के पीछे भाई-बहन की भावना नहीं, बल्कि मालिक-दास का भाव है।”
महायुति सरकार ने इस साल के बजट में लाडकी बहिन योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत 2.5 लाख रुपये वार्षिक आय से कम वाली महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये दिए जा रहे हैं। सरकार ने चुनावों के बाद इस राशि को 2,100 रुपये तक बढ़ाने का वादा किया है।
MVA की ‘महालक्ष्मी योजना’ का वादा
महायुति की इस योजना का मुकाबला करने के लिए महा विकास अघाड़ी (MVA) ने महालक्ष्मी योजना का ऐलान किया है। इसमें महिलाओं को हर महीने 3,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया गया है।
किसान और महिलाओं की समस्याओं पर फोकस
उद्धव ठाकरे ने चुनावी प्रचार के दौरान राज्य के कृषि संकट और महिलाओं की सुरक्षा पर जोर दिया। उन्होंने मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में किसानों की दयनीय स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि सोयाबीन की फसल को उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा, “हम सोयाबीन के लिए 7,000 रुपये प्रति क्विंटल का MSP देंगे। इसके अलावा, हम महिलाओं को सुरक्षा और बच्चों को मुफ्त शिक्षा देंगे। ये मुद्दे हमें सत्ता में वापस लाने में मदद करेंगे।”
BJP और शिंदे पर ‘गद्दार’ का हमला
ठाकरे ने शिंदे और BJP के साथ चुनाव के बाद किसी भी सुलह की संभावना से इनकार किया। उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी और MVA को चुनाव के बाद किसी और सहयोगी की आवश्यकता नहीं होगी।
ठाकरे ने कहा, “गद्दारों को जनता सबक सिखाएगी। महाराष्ट्र उन लोगों का समर्थन करेगा जो राज्य को बचाने के लिए लड़ रहे हैं।”
शिवसेना में विभाजन के बाद पहली परीक्षा
2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है, जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) के लिए एक बड़ी परीक्षा है। 2024 लोकसभा चुनावों में MVA ने महायुति को पछाड़ते हुए 30 सीटें जीती थीं, जबकि महायुति को 17 सीटें मिली थीं। शिवसेना (UBT) और शिंदे की शिवसेना के बीच कांटे का मुकाबला था।
महिला और किसान वोटर्स पर फोकस
MVA और महायुति दोनों ही गठबंधन महिला और किसान वोटर्स को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। 20 नवंबर को होने वाले मतदान के बाद 23 नवंबर को नतीजे आएंगे, जो यह तय करेंगे कि महाराष्ट्र की राजनीति की दिशा किस ओर जाती है।