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मुस्लिम नाम से फर्जी अकाउंट बना कर दी ख़ुद को जान से मारने की धमकी! हिंदू–मुस्लिम दंगे भड़काने की गोडसेगिरी नाकाम

भीलवाड़ा पुलिस ने एक बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए 17 वर्षीय आयुष सोनी को गिरफ्तार किया है, जिसने सोशल मीडिया पर फर्जी धमकीभरे संदेश पोस्ट कर मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने का प्रयास किया।

फर्जी धमकी देकर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश

थानाधिकारी राजपाल सिंह के अनुसार, आयुष सोनी ने एक झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसे मुस्लिम युवक द्वारा जान से मारने की धमकी मिल रही है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और जब सोशल मीडिया अकाउंट की गहराई से पड़ताल की गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।

जांच में पता चला कि जिस इंस्टाग्राम आईडी से धमकी दी जा रही थी, वह फर्जी थी और उसे खुद आयुष ने मुस्लिम नाम से बनाया था। इंस्टाग्राम से मिली जानकारी के मुताबिक, यह अकाउंट आयुष के पिता के मोबाइल नंबर से रजिस्टर्ड था।

दंगे भड़काने की थी साजिश, पुलिस ने रोका बड़ा खतरा

पुलिस पूछताछ में आयुष ने कबूल किया कि वह खुद को चर्चित बनाने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए यह झूठी साजिश रच रहा था। उसने हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को झूठी धमकी दिखाकर एक बड़े दंगे की जमीन तैयार की थी।

थानाधिकारी राजपाल सिंह ने कहा कि अगर यह साजिश सफल हो जाती, तो भीलवाड़ा में बड़े स्तर पर सांप्रदायिक तनाव हो सकता था।

पहले भी दर्ज करवाई थी झूठी रिपोर्ट

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब आयुष सोनी ने इस तरह की साजिश रची।

10 जून 2022 को भी उसने गंगापुर थाने में एक शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसमें कहा गया था कि कुछ मुस्लिम युवकों ने उसे नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस ने तब उसे सुरक्षा भी दी थी, जिसमें शस्त्रधारी गार्ड की तैनाती भी की गई थी।

अब जब झूठी साजिश का पर्दाफाश हुआ, तो आयुष ने अपनी करतूत पर माफी मांगी है।

सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल

इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

लोगों का कहना है कि अगर आयुष की जगह कोई मुस्लिम युवक होता, तो मीडिया इसे बड़ा मुद्दा बनाती, बहस होती और संभवतः उसके घर पर बुलडोजर भी चला दिया जाता।

क्या सिर्फ माफी मांगना काफी है? सोशल मीडिया पर यह भी बहस हो रही है कि झूठे आरोप लगाकर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

देश में लोकतंत्र या भीड़तंत्र?

इस घटना को लेकर एक बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या देश में लोकतंत्र के नाम पर भीड़तंत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है?

क्या ऐसे मामलों में कानून समान रूप से लागू हो रहा है, या फिर धर्म देखकर कार्रवाई की जा रही है?

पुलिस करेगी आगे की जांच

भीलवाड़ा पुलिस ने कहा है कि आयुष सोनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में इस तरह की साजिशें दोबारा न हों।

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