यूपी पुलिस बनी भाजपा की दलाल: तोड़ा चुनाव आयोग का निर्देश, मुस्लिम महिलाओं से हिजाब हटवाकर की पहचान पत्र की जांच
उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर जिले की सीसामऊ विधानसभा सीट पर पुलिस द्वारा चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए मुस्लिम महिला वोटरों के हिजाब और बुर्का हटवाने तथा उनके पहचान पत्र जांचने का मामला सामने आया है। यह कार्रवाई तब हुई जब चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि केवल मतदान अधिकारी ही मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच करेंगे।
चुनाव आयोग के निर्देशों की अनदेखी
मतदान से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिणवा ने कहा था कि किसी भी परिस्थिति में पुलिसकर्मी मतदाता का पहचान पत्र चेक नहीं करेंगे। इसके बावजूद, सीसामऊ चौराहे पर पुलिस ने मुस्लिम महिलाओं का हिजाब हटवाकर पहचान पत्र का मिलान किया।
सपा ने की विरोध की मांग
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि इस तरह की घटनाओं को तुरंत रोका जाए। सपा का आरोप है कि पुलिस की इस सख्ती के कारण मुस्लिम समुदाय के वोटरों में डर का माहौल बनाया जा रहा है, जिससे कई मतदाता बिना वोट डाले लौटने को मजबूर हो रहे हैं।
मुस्लिम इलाकों में धीमा मतदान
सुबह 9 बजे तक सीसामऊ सीट पर केवल 5.73% मतदान दर्ज किया गया, जो नौ सीटों के औसत 9.67% से काफी कम है। सपा ने इसे मुस्लिम इलाकों में पुलिस की इस कार्रवाई का परिणाम बताया है।
सीसामऊ सीट पर हाई प्रोफाइल मुकाबला
सीसामऊ सीट पर उपचुनाव सपा विधायक इरफान सोलंकी की सदस्यता समाप्त होने के कारण हो रहा है। सपा ने उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी से सुरेश अवस्थी और बीएसपी से वीरेंद्र कुमार चुनाव मैदान में हैं। इरफान सोलंकी 2012 से इस सीट पर लगातार जीत दर्ज करते आ रहे थे।
सपा का बीजेपी सरकार पर हमला
समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि यूपी पुलिस चुनावी प्रक्रिया में पक्षपात कर रही है और बीजेपी सरकार के लिए “दलाली” का काम कर रही है। सपा ने कहा कि पुलिस की इस तरह की कार्रवाइयां लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रही हैं और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच भय का माहौल पैदा कर रही हैं।
चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग
सपा ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह तुरंत हस्तक्षेप करे और सुनिश्चित करे कि चुनाव आयोग के नियमों का पालन हो। पार्टी ने यह भी मांग की है कि पुलिस को मतदाता पहचान पत्र जांचने या महिलाओं से हिजाब-बुर्का हटवाने जैसी कार्रवाई से सख्ती से रोका जाए।
लोकतंत्र की निष्पक्षता बनी रहे: इस घटना ने सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उत्तर प्रदेश में उपचुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हो रहे हैं। अब यह देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या कार्रवाई करता है।