संभल हिंसा पर करणी सेना की चेतावनी, “जरूरत पड़ी तो खुद बनाएंगे मंदिर”
अलीगढ़: रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद पर सर्वे के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ अखिल भारतीय करणी सेना ने सोमवार को अलीगढ़ में जोरदार प्रदर्शन किया। सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च निकालकर डीएम को ज्ञापन सौंपा।
करणी सेना ने इस घटना को “पूर्व नियोजित षड्यंत्र” करार देते हुए आरोपियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की गई कि हिंसा में शामिल लोगों पर रासुका और देशद्रोह के तहत कार्रवाई कर उन्हें फांसी की सजा दी जाए।
क्या है मामला?
रविवार को संभल की शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान पथराव और तोड़फोड़ हुई। भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी घायल हुए, जबकि कुछ लोगों की मौत की भी खबर है। पुलिस ने अब तक 2,500 से अधिक लोगों पर मुकदमा दर्ज किया और कई को हिरासत में लिया है।
करणी सेना की मांग
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने हिंसा को “पूर्व नियोजित” बताते हुए आरोप लगाया कि विशेष समुदाय के लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया। उन्होंने कहा, “सरकार को खुफिया एजेंसियों से मामले की जांच करानी चाहिए। दोषियों और उनके समर्थकों पर रासुका लगाई जाए और उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जाए।”
उन्होंने यह भी कहा कि कई मस्जिदें पूर्व में मंदिर थीं और सरकार को ऐसी मस्जिदों को चिन्हित कर वहां पुनः मंदिर स्थापित करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो करणी सेना स्वयं इन स्थानों पर मंदिर निर्माण करेगी।
महिला प्रदेश अध्यक्ष का बयान
महिला प्रदेश अध्यक्ष ममता सिंह ने हिंसा को “शांति भंग करने वाला कृत्य” बताते हुए कहा, “घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए दोषियों को तुरंत फांसी दी जाए।”
प्रशासन का रुख
एडीएम सिटी अमित कुमार भट्ट ने करणी सेना के ज्ञापन को उचित माध्यम से उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
अगली रणनीति
करणी सेना ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो संगठन प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा।
संभल हिंसा को लेकर राज्य की राजनीति गर्मा चुकी है। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं।