EVM पर भरोसा या बैलेट पेपर की वापसी? सर्वे में जनता की राय बंटी
नई दिल्ली: भारत में चुनाव परिणामों के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर अक्सर सवाल उठते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद भी EVM पर संदेह व्यक्त किया गया। इसी संदर्भ में जुलाई 2024 में एक सरकारी-मिंट सीपीआर मिलेनियल सर्वेक्षण आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के समर्थकों और आम नागरिकों की राय जानने की कोशिश की गई।
सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष
इस सर्वेक्षण में 10,314 लोगों ने हिस्सा लिया। इनमें से:
- 61% लोगों ने EVM का समर्थन किया और कहा कि EVM में छेड़छाड़ के आरोप झूठे हैं।
- 39% लोगों ने बैलेट पेपर की वापसी की मांग की।
राजनीतिक दलों के समर्थकों की राय:
- बीजेपी समर्थक:
71% ने EVM को वोटिंग का एकमात्र तरीका बनाए रखने का समर्थन किया, जबकि 29% ने बैलेट पेपर की वापसी की मांग की। - कांग्रेस समर्थक:
46% ने EVM का समर्थन किया, जबकि 54% ने EVM का विरोध करते हुए बैलेट पेपर की वकालत की। - अन्य दलों के समर्थक:
54% ने EVM का समर्थन किया, जबकि 46% ने बैलेट पेपर को बेहतर विकल्प बताया। - गैर-राजनीतिक नागरिक:
57% ने EVM का समर्थन किया और 43% ने बैलेट पेपर की वापसी की मांग की।
EVM पर कांग्रेस-बीजेपी का मतभेद स्पष्ट
सर्वे में साफ हुआ कि बीजेपी समर्थक EVM में विश्वास रखते हैं, जबकि कांग्रेस समर्थकों का बड़ा हिस्सा EVM का विरोध करता है।
आगे की राह
सर्वे के नतीजे बताते हैं कि जनता का बहुमत EVM का समर्थन करता है, लेकिन बैलेट पेपर को लेकर भी एक बड़ा वर्ग अपनी चिंता व्यक्त कर रहा है। चुनाव आयोग को इन चिंताओं को दूर करने और EVM की पारदर्शिता को लेकर जनता में विश्वास बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।