अजमेर शरीफ विवाद पर बोले ओवैसी: “ख्वाजा साहब का आस्ताना सदियों से है आबाद, हिंदुत्व एजेंडा पूरा करने के लिए तोड़ा जा रहा कानून'”
अजमेर शरीफ दरगाह में मंदिर होने के दावे पर कोर्ट की याचिका स्वीकार होने के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे धार्मिक सौहार्द्र और कानून के खिलाफ बताया।
ओवैसी ने कहा, “सुल्तान-ए-हिंद ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (RA) भारत के मुसलमानों के लिए सबसे अहम धार्मिक शख्सियतों में से एक हैं। उनके आस्ताने पर सदियों से लोग आ रहे हैं और इंशाअल्लाह आते रहेंगे। कई राजा-महाराजा और शहंशाह आए और गए, लेकिन ख्वाजा अजमेरी का आस्ताना आज भी आबाद है।”
उन्होंने 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का हवाला देते हुए कहा, “यह कानून स्पष्ट रूप से कहता है कि 1947 से पहले मौजूद किसी भी पूजा स्थल की धार्मिक पहचान को बदला नहीं जा सकता। इस कानून के अनुसार, ऐसे मामलों की अदालत में सुनवाई भी नहीं होनी चाहिए।”
“संविधान और कानून की अनदेखी हो रही है”
ओवैसी ने हिंदुत्व संगठनों पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनके एजेंडे को पूरा करने के लिए संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह सब होते हुए नरेंद्र मोदी चुपचाप देख रहे हैं।”
मामला कोर्ट में, अगली सुनवाई 5 दिसंबर को
अजमेर सिविल कोर्ट ने दरगाह में मंदिर होने के दावे से संबंधित याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी, और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।
ओवैसी के बयान से यह मामला और अधिक गरमा गया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालत इस मामले पर क्या निर्णय लेती है।