“हिंदू कारोबारी हिंदुओं से ही व्यापार करें” हिंदू युवा सम्मेलन में धीरेंद्र शास्त्री का विवादित बयान
इंदौर में आयोजित हिंदू युवा सम्मेलन में बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने “रग-रग हिंदू मेरा परिचय” विषय पर संबोधित करते हुए कई विवादित बयान दिए। उन्होंने हिंदू व्यापारियों से आग्रह किया कि वे केवल हिंदुओं के साथ व्यापार करें, क्योंकि उनके अनुसार धर्मांतरण की सबसे बड़ी वजह बेरोजगारी है।
शास्त्री ने दुबई और अबूधाबी का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कंपनी खोलने के लिए शेख होना अनिवार्य है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा भारत में क्यों नहीं हो सकता। उन्होंने “एचआई” (इंटेलेक्चुअल हिंदू) की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि हिंदुओं को एकजुट होकर अपनी पहचान बनानी होगी। साथ ही उन्होंने युवाओं से “रील लाइफ” से बाहर निकलकर “रियल लाइफ” को समझने की अपील की।
विवादित बयान और आलोचना
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं, चाहे वे मुस्लिम हों या ईसाई, क्योंकि उनके पूर्वज हिंदू थे। उन्होंने दावा किया कि देश के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से पूर्वोत्तर और बंगाल में, हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने हिंदुओं को संगठित होने की अपील करते हुए कहा, “नेहा को हिना और शालीन को साहिल बनने में देर नहीं लगेगी।”
शास्त्री के इन बयानों पर कई सामाजिक और राजनीतिक समूहों ने कड़ी आलोचना की। उनका कहना है कि ऐसे बयान समाज में सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देते हैं। आलोचकों का आरोप है कि शास्त्री हिंदू एकता के नाम पर हिंदू, मुस्लिम और दलितों के बीच दूरी पैदा कर रहे हैं, जो भारत की “सर्वधर्म समभाव” की भावना के खिलाफ है।
छुआछूत पर चर्चा और सम्मेलन में देरी
विमानतल पर मीडिया से बातचीत में शास्त्री ने छुआछूत के खिलाफ क्रांति की बात भी कही। हालांकि, सम्मेलन में उनकी पांच घंटे की देरी से आयोजन प्रभावित हुआ। दोपहर 1 बजे शुरू होने वाला कार्यक्रम शाम 6 बजे शुरू हुआ, जिससे कई ब्लॉक खाली रह गए।
सर्वधर्म समभाव की भावना पर खतरा?
धीरेंद्र शास्त्री के बयानों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ऐसे वक्तव्य भारत की सांप्रदायिक सद्भावना और भाईचारे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आलोचकों का कहना है कि देश को जोड़ने के बजाय ऐसे बयान विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देते हैं। वहीं, शास्त्री समर्थकों का दावा है कि वे हिंदू एकता को मजबूत कर रहे हैं।
इस सम्मेलन के बाद देशभर में चर्चा का विषय बन चुके शास्त्री के बयान सामाजिक और राजनीतिक बहस को और अधिक गर्मा सकते हैं।