एकनाथ शिंदे की दो टूक: ‘मुझे ही बनना चाहिए मुख्यमंत्री’
महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में महायुती (भाजपा, शिवसेना और एनसीपी अजित पवार गुट) ने बड़ी जीत दर्ज की। हालांकि, चुनावी सफलता के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद गहराता दिख रहा है। शिवसेना नेता और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ तौर पर कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
शिंदे की दावेदारी
एकनाथ शिंदे ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “मैं जनता का मुख्यमंत्री हूं और एक आम आदमी हूं। मैंने हमेशा लोगों की समस्याओं को समझा और हल करने का प्रयास किया है। जनता चाहती है कि मैं ही मुख्यमंत्री बनूं।”
शिंदे ने यह भी दावा किया कि अगर एनसीपी (अजित पवार गुट) महायुती का हिस्सा नहीं होती, तो शिवसेना 90 से 100 सीटों पर चुनाव लड़ती और ज्यादा सीटें जीतती।
महायुती में समन्वय की कोशिशें
भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रवीण दरेकर ने इस विवाद पर बयान देते हुए कहा कि महायुती के भीतर कोई टकराव नहीं है और सब कुछ तालमेल से चल रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 5 दिसंबर को महायुती सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसमें तीनों दलों के नेता मंत्री पद की शपथ लेंगे।
राजनीतिक संदेश का सवाल
दरेकर ने तीनों पार्टियों के समन्वय पर जोर देते हुए कहा, “अगर तीनों पार्टियां साथ नहीं रहीं, तो यह जनता के लिए गलत संदेश होगा। यह बात सभी नेताओं को समझनी चाहिए।”
हालांकि, मुख्यमंत्री पद को लेकर बढ़ती खींचतान महायुती के लिए चुनौती बन सकती है। अब देखना होगा कि 5 दिसंबर के शपथ ग्रहण से पहले यह विवाद कैसे सुलझता है और क्या महायुती एकजुट रह पाती है।