रामदास आठवले का बड़ा बयान: “महायुति को राज ठाकरे की जरूरत नहीं”
महाराष्ट्र: केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (A) के प्रमुख रामदास आठवले ने महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे अब प्रासंगिक नहीं रहे और महायुति (एनडीए) को उनकी कोई जरूरत नहीं है।
“राज ठाकरे के सपने टूट गए हैं”
नासिक में पत्रकारों से बातचीत के दौरान आठवले ने कहा, “राज ठाकरे को लगता था कि उनके बिना सत्ता में आना संभव नहीं है, लेकिन उनके ये सपने अब टूट गए हैं। महायुति में मेरी उपस्थिति के कारण राज ठाकरे के लिए कोई जगह नहीं है। उनकी बार-बार रणनीतियां और पार्टी के झंडे का रंग बदलना उनकी घटती प्रासंगिकता को दर्शाता है।”
मनसे का खराब प्रदर्शन
हाल ही में हुए 20 नवंबर के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मनसे का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही, जबकि खुद राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे मुंबई के महिम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव हार गए।
महायुति का मजबूत प्रदर्शन
महायुति ने इन चुनावों में शानदार जीत दर्ज की, जिससे गठबंधन और मजबूत हुआ। आठवले ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी को देवेंद्र फडणवीस सरकार में प्रतिनिधित्व मिलेगा।
ईवीएम पर आरोपों को बताया ‘लोकतंत्र का अपमान’
रामदास आठवले ने महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं द्वारा ईवीएम पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने कहा, “विपक्ष अपनी हार छुपाने के लिए बहानेबाजी कर रहा है।”
राजनीतिक समीकरणों में बदलाव
रामदास आठवले के बयान और महायुति के प्रदर्शन से यह साफ हो गया है कि महाराष्ट्र की राजनीति में मनसे का प्रभाव तेजी से घट रहा है। राज ठाकरे की लगातार गिरती साख और महायुति की मजबूती ने राजनीतिक समीकरणों को बदलकर रख दिया है।
इन बयानों ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गर्म हो सकता है।