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डायबिटीज कंट्रोल में कारगर है आक का पौधा, जानिए फायदे और सावधानियां

डायबिटीज (Diabetes) एक लाइलाज बीमारी की तरह मानी जाती है, जिसे केवल हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके कंट्रोल किया जा सकता है। इस बीमारी में ब्लड शुगर बढ़ने से मरीज को अत्यधिक प्यास लगना, गला सूखना, चक्कर आना, कमजोरी, धुंधला दिखना और चोट का जल्दी ठीक न होना जैसी समस्याएं होती हैं।

आक के पत्तों का औषधीय महत्व

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आक के पत्ते बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। इसे मदार, अर्क और अकोवा के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा जहरीला होने के बावजूद कई रोगों के उपचार में काम आता है। खासकर जोड़ों के दर्द, लकवे और स्किन एलर्जी में यह रामबाण की तरह काम करता है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए आक के फायदे

आक का पौधा एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। यह शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

डायबिटीज के लिए आक के पत्तों का उपयोग कैसे करें?

  1. पाउडर बनाकर सेवन करें – आक के पत्तों को धूप में सुखाकर पीस लें और रोज़ 10 मि.ली. पानी में मिलाकर पिएं।
  2. तलवे में लगाकर सोएं – ताजे पत्तों को साफ करके पैरों के तलवे में रखें, फिर मोजे पहनकर सो जाएं। सुबह मोजे उतार लें। ऐसा करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल हो सकता है।

आक के अन्य फायदे

  1. अस्थमा में लाभदायक – इसके फूलों का सूखा पाउडर अस्थमा और फेफड़ों की समस्याओं को दूर कर सकता है।
  2. बवासीर में मददगार – आक की पत्तियों और डंठल को पानी में भिगोकर पीने से बवासीर की समस्या दूर हो सकती है।
  3. स्किन एलर्जी में फायदेमंद – खुजली की समस्या में आक की जड़ को जलाकर उसकी राख को सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से राहत मिल सकती है।

सावधानियां बरतना जरूरी

आक के पत्तों से निकलने वाला सफेद दूध आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इसके उपयोग के दौरान सावधानी बरतें और बच्चों की पहुंच से दूर रखें।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या होने पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

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