औरंगाबाद के क्षेत्रीय क्रीड़ा संकुल घोटाले का खुलासा होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस मामले के मुख्य आरोपी हर्षकुमार क्षीरसागर ने पुलिस को सात पन्नों का पत्र भेजकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपी ने पत्र में घोटाले में शामिल बैंक अधिकारियों और क्षेत्रीय क्रीड़ा उपसंचालक पर आरोप लगाए हैं।
घोटाले का खुलासा और आरोपी का जीवनशैली
13,000 रुपये की सैलरी पर काम करने वाले हर्षकुमार ने अपनी दोस्त अर्पिता वाडकर के लिए 1.5 करोड़ रुपये का लग्जरी फ्लैट खरीदा था। 11 महीनों में 21.59 करोड़ रुपये के इस घोटाले के बाद, पुलिस ने अर्पिता को नवी मुंबई के कोपरखैरने इलाके से गिरफ्तार किया है। उम्मीद है कि पूछताछ में घोटाले की और परतें खुलेंगी।
आरोपी का लेटर बम
हर्षकुमार ने अपने पत्र में दावा किया है कि क्षेत्रीय क्रीड़ा उपसंचालक संजय सबनीस और बैंक अधिकारियों के निर्देश पर उसने यह रकम गबन की। उसने बताया कि संजय सबनीस उसे होटल बुक करने से लेकर अन्य व्यवस्थाओं के आदेश देते थे और अमरावती में उसे पिस्तौल से धमकी भी दी गई थी।
आरोपी ने लिखा कि, “6 जून से मैंने प्रतिदिन 10 लाख रुपये निकालने शुरू किए, जिसे बाद में 15 लाख रुपये तक बढ़ाया गया। इस पैसे से अधिकारियों ने मुझसे और मेरे परिवार के नाम पर आलोक नगर और अन्य जगहों पर फ्लैट खरीदे।”
आरोप और संपत्ति का ब्योरा
पत्र में हर्षकुमार ने बताया कि अधिकारियों के कहने पर उसने महंगी गाड़ियां, 40 लाख रुपये के आभूषण और 35 लाख रुपये का हीरे का चश्मा खरीदा। आरोपी ने कहा कि वह जांच के लिए तैयार है और उसकी संपत्ति बेचकर घोटाले की रकम वापस ली जा सकती है।
अर्पिता की गिरफ्तारी और आगे की जांच
हर्षकुमार की दोस्त अर्पिता को भी इस घोटाले में भागीदार बताया गया है। पुलिस को उम्मीद है कि उससे पूछताछ में घोटाले से संबंधित और जानकारी सामने आएगी।
यह घोटाला प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की उम्मीद है।