पुणे: तिलक रोड के पास एक दीवार को लेकर भाजपा और उद्धव गुट के बीच तीखा वाकयुद्ध छिड़ गया है। भाजपा की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर दीवार के हरे रंग को भगवा में बदल दिया। कुलकर्णी ने इसे हिंदू गौरव का प्रतीक बताते हुए अपने कदम को जायज ठहराया, जबकि उद्धव गुट की नेता सुषमा अंधारे ने इसे ‘बचकानी हरकत’ करार देते हुए कड़ी आलोचना की।
क्या है मामला?
तिलक रोड के पास स्थित दीवार पहले पीले रंग की थी, जिसे हाल ही में हरे रंग में रंगा गया था। इस पर फूल और अगरबत्ती रखे जाने की घटनाओं ने विवाद को जन्म दिया। मेधा कुलकर्णी ने दावा किया कि इन गतिविधियों का उद्देश्य दीवार को ‘मजार’ में बदलना था। उन्होंने कहा, “हमने हरा रंग हटा दिया और भगवा रंग लगाया। यह हिंदुओं को जागरूक करने का हिस्सा है।”
सुषमा अंधारे का विरोध
उद्धव गुट की नेता सुषमा अंधारे ने मेधा कुलकर्णी के इस कदम को ‘गैरजरूरी राजनीति’ बताया। उन्होंने सवाल किया, “क्या भाजपा कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि महिला सुरक्षा और अन्य गंभीर मुद्दों पर भी इतनी ही चिंता दिखाते हैं?” अंधारे ने आरोप लगाया कि ऐसी हरकतें केवल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास हैं।
सोशल मीडिया पर बढ़ा विवाद
मेधा कुलकर्णी के सोशल मीडिया पोस्ट ने इस मामले को और भड़का दिया। उन्होंने अन्य जगहों पर भी इस तरह की घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई की अपील की। सोशल मीडिया पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई। कुछ लोगों ने कुलकर्णी के कदम का समर्थन किया, तो कुछ ने इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाला बताया।
राजनीतिक बयानबाजी जारी
यह मामला पुणे तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के विवादों की बढ़ती संख्या पर चर्चा छिड़ गई है। जहां भाजपा इसे ‘हिंदू गौरव’ का मुद्दा बता रही है, वहीं विपक्ष इसे सांप्रदायिक राजनीति का हिस्सा करार दे रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी साल में इस तरह के मुद्दे राजनीतिक दलों द्वारा जनता का ध्यान खींचने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।