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VHP का दावा: नए साल का जश्न हिंदुओं को नपुसंक बनाने का षडयंत्र, कांग्रेस ने कहा: अपने बच्चों को मिशनरी स्कूलों में क्यों पढ़ा रहे?

भोपाल। नए साल के आगमन से पहले मध्य प्रदेश में जश्न को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। हिंदू संगठनों, विशेषकर विश्व हिंदू परिषद (VHP), ने 31 दिसंबर की रात होने वाली पार्टियों पर सख्त रुख अपनाया है। वहीं, कांग्रेस और बीजेपी ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं, जिससे राजनीतिक गलियारे में बहस छिड़ गई है।

VHP: ‘यह संस्कृति पर हमला और षड्यंत्र’

VHP के प्रांत प्रचार प्रमुख जितेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि नए साल की पार्टियां पाश्चात्य संस्कृति को बढ़ावा देती हैं और इसमें अश्लीलता व नशे का बोलबाला होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इन आयोजनों के जरिए हिंदू युवाओं को टारगेट किया जा रहा है।

“यह एक षड्यंत्र है, जो हिंदू आबादी को कमजोर और नस्ल को खराब करने का काम कर रहा है। ड्रग्स और अन्य नशे के जरिए युवाओं को नपुंसक बनाने की कोशिश हो रही है। माता-पिता को सतर्क रहना चाहिए और पूछना चाहिए कि उनके बच्चे 31 दिसंबर की रात कहां जा रहे हैं,” चौहान ने कहा।
VHP ने चेतावनी दी है कि अश्लीलता और नशे वाली पार्टियों की सूचना मिलने पर वे मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगे।

बीजेपी: ‘संस्कृति का ध्यान रखना जरूरी’

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि जश्न मनाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह भारतीय और सनातन संस्कृति के अनुरूप होना चाहिए।

“जश्न के दौरान किसी की धार्मिक या सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए। कोई भी असंवैधानिक गतिविधि न हो और सरकार कार्रवाई के लिए तत्पर है,” उन्होंने कहा।

कांग्रेस: ‘यह बंटवारे और नफरत की राजनीति’

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बीजेपी और हिंदू संगठनों को आड़े हाथ लिया। प्रदेश प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने इसे आरएसएस और बीजेपी का प्रोपेगेंडा करार दिया।

“हिंदू संगठनों के नेता संस्कृति के नाम पर राजनीति करते हैं, लेकिन अपने बच्चों को मिशनरी स्कूलों में पढ़ाते हैं। यह सब बंटवारे और नफरत की सियासत है। संविधान ने सभी को जश्न मनाने की आजादी दी है। बीजेपी तय नहीं करेगी कि हम क्या पहनें, क्या खाएं और कैसे जश्न मनाएं,” उन्होंने कहा।

संस्कृति और स्वतंत्रता की बहस

नए साल के जश्न को लेकर उठे इस विवाद ने संस्कृति बनाम स्वतंत्रता की बहस को फिर से जन्म दे दिया है। जहां एक तरफ हिंदू संगठन इसे भारतीय संस्कृति बचाने की मुहिम बता रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विविधता पर हमला मान रहा है।

प्रशासन की तैयारी

राज्य सरकार ने कहा है कि किसी भी तरह की अश्लीलता, नशाखोरी, या कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वाली गतिविधि पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नए साल के जश्न से पहले इस मुद्दे ने मध्य प्रदेश में धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक ध्रुवीकरण को और गहरा कर दिया है।

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