तमिलनाडु पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने एक नए प्रकार के UPI धोखाधड़ी “जंप्ड डिपॉजिट” को लेकर अलर्ट जारी किया है। यह स्कैम उपयोगकर्ताओं की जिज्ञासा और भरोसे का फायदा उठाकर उनके बैंक खातों से पैसे चुराने का तरीका अपनाता है।
कैसे होता है यह स्कैम?
- छोटी रकम जमा करना: धोखेबाज पहले पीड़ित के खाते में ₹5,000 जैसी छोटी राशि जमा करते हैं।
- SMS अलर्ट: पीड़ित को बैंक से बैलेंस अलर्ट का SMS मिलता है, जिससे वे अपना खाता चेक करने के लिए प्रेरित होते हैं।
- ऐप का इस्तेमाल: बैंकिंग ऐप खोलते ही PIN डालने का अनुरोध किया जाता है।
- बड़ी रकम की चोरी: PIN डालने के बाद धोखेबाज पीड़ित के खाते से बड़ी राशि निकाल लेते हैं।
कैसे बचें इस स्कैम से?
- धैर्य रखें: अचानक जमा हुए पैसे के मामले में तुरंत बैलेंस चेक न करें। 15-30 मिनट इंतजार करें ताकि फर्जी अनुरोध स्वतः रद्द हो जाए।
- गलत PIN डालें: PIN अनुरोध मिलने पर पहले एक-दो बार गलत PIN डालें।
- संदिग्ध जमा की सूचना दें: बिना जानकारी के जमा हुए पैसे की सूचना तुरंत अपने बैंक को दें।
- जानकारी साझा न करें: अपना PIN, OTP या अन्य निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
शिकायत कहां दर्ज करें?
अगर आप इस स्कैम का शिकार होते हैं, तो तुरंत कार्रवाई करें:
- नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल: www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
- साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन: नजदीकी स्टेशन से संपर्क करें।
समय पर शिकायत दर्ज करने से बड़े नुकसान को रोका जा सकता है। तमिलनाडु पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने और सुरक्षित तरीके से डिजिटल ट्रांजैक्शन करने की अपील की है।