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CM को “मौलाना” नाम से नफ़रत: मध्य प्रदेश में गांवों के नाम बदलने पर सियासत गरमाई

उज्जैन: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़नगर के गजनीखेड़ा में आयोजित सीएम राइज स्कूल के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान राज्य के तीन स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की। अब मौलाना गांव को विक्रम नगर, गजनीखेड़ा को चामुंडा माता नगरी और जहांगीरपुर को जगदीशपुर के नाम से जाना जाएगा।

नाम बदलने की वजह बताई

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मौलाना गांव का नाम उन्हें हमेशा खटकता था और इस नाम का गांव से कोई संबंध नहीं लगता। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जन-भावनाओं के अनुरूप स्थानों के नाम बदलना उनकी प्राथमिकता है।

नाम बदलने की राजनीति पर तर्क

सीएम ने नाम बदलने का समर्थन करते हुए कहा, “जब मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े शहरों के नाम बदले जा सकते हैं, तो पंचायतों और गांवों के नाम क्यों नहीं बदले जा सकते?” उन्होंने बड़नगर के सीएम राइज स्कूल का नाम भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की भी घोषणा की।

विपक्ष का हमला

मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद विपक्ष और अन्य आलोचकों ने बीजेपी पर तीखा हमला किया। आलोचकों का कहना है कि यह कदम “नाम बदलने की राजनीति” और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का हिस्सा है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी अपने कार्यकाल में विकास कार्यों को अनदेखा कर केवल सांप्रदायिक आधार पर मुस्लिम नामों को बदलने में व्यस्त है।

विवाद का नया मोर्चा

नाम बदलने के फैसले को लेकर जनता और राजनीतिक दलों में बहस छिड़ गई है। आलोचकों का कहना है कि यह कदम केवल एक समुदाय को निशाना बनाने और ध्रुवीकरण की राजनीति को बढ़ावा देने का प्रयास है। हालांकि, मुख्यमंत्री का कहना है कि यह फैसला जन-भावनाओं को ध्यान में रखकर लिया गया है।

आगे की राह

इस घोषणा के बाद जहां एक ओर समर्थकों ने इसे सही कदम बताया, वहीं आलोचकों ने इसे “विकास से ध्यान भटकाने की राजनीति” करार दिया। अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री के इस फैसले पर जनता और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया किस ओर जाती है।

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