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औरंगाबाद के बेखौफ इंग्लिश स्कूलों की मनमानी: पढ़ाई के नाम पर खुलेआम लूट

सय्यद फेरोज़ आशिक की रिपोर्ट

औरंगाबाद: शहर के कई इंग्लिश मीडियम स्कूल, विशेष रूप से सीबीएसई से संबद्ध स्कूल, अभिभावकों के बीच चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। पढ़ाई के नाम पर भारी भरकम फीस वसूली जा रही है, जो सामान्य मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ा आर्थिक बोझ बन रही है।

फीस वसूली के नए-नए बहाने:
गैदरिंग, स्कूल फंक्शन, पाठ्यक्रम सामग्री, और शैक्षणिक यात्राओं के नाम पर लगातार अतिरिक्त शुल्क मांगे जा रहे हैं। माता-पिता का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन मनमाने तरीके से यह फीस वसूल रहे हैं, और किसी भी तरह की पारदर्शिता नहीं है।

भारी फीस के बावजूद कोचिंग की जरूरत:
बच्चों की शिक्षा के लिए बड़ी रकम खर्च करने के बाद भी छात्रों को कोचिंग क्लासेस की मदद लेनी पड़ रही है। यह इंगित करता है कि स्कूलों की पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

अभिभावकों की चुप्पी:
कई माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य की चिंता में इस अन्याय को सहने को मजबूर हैं। उन्हें डर है कि यदि वे आवाज उठाएंगे तो स्कूल प्रबंधन उनके बच्चों के साथ भेदभाव कर सकता है या उन्हें स्कूल से निकालने की धमकी दे सकता है।

समय रहते कदम उठाने की जरूरत:
शिक्षा के नाम पर चल रहे इस कथित घोटाले पर प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। अभिभावकों ने अपील की है कि सरकार और शिक्षा विभाग इस विषय पर हस्तक्षेप करें और स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाएं।

शिक्षा का व्यवसायीकरण या बच्चों का भविष्य?
इस मुद्दे ने शहर के अभिभावकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शिक्षा, जो कि एक मौलिक अधिकार है, कहीं केवल व्यवसाय बनकर न रह जाए।

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