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देश में नकली नोटों का खतरा: 200 रुपये के नकली नोटों का बढ़ता चलन

नई दिल्ली: नकली नोटों का बाजार एक बार फिर से गर्म हो गया है। बिहार के बाद अब तेलंगाना में 200 रुपये के नकली नोटों का तेजी से चलन बढ़ रहा है। ये नकली नोट असली नोटों जैसे दिखते हैं, जिससे आम जनता और व्यापारी धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।

तेलंगाना में बढ़ा खतरा:
तेलंगाना के निर्मल जिले में 200 रुपये के नकली नोटों के मामलों में तेजी देखी गई है। व्यापारियों का कहना है कि इन नोटों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है, जिससे लेन-देन में परेशानी बढ़ रही है।

आरबीआई ने जारी की चेतावनी:
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार, 200 रुपये के नकली नोटों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 2018-19 में 12,728 नकली नोट जब्त किए गए थे, जो 2019-20 में बढ़कर 31,969 हो गए।

नकली नोटों की पहचान के लिए जरूरी बातें:
आरबीआई ने जनता को सतर्क करते हुए असली और नकली नोटों में फर्क करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं:

  1. देवनागरी में ‘200’: असली नोट पर देवनागरी लिपि में ‘200’ लिखा होता है।
  2. महात्मा गांधी की तस्वीर: नोट के बीच में स्पष्ट गांधी जी की तस्वीर होती है।
  3. माइक्रो लेटरिंग: ‘RBI’, ‘भारत’, ‘INDIA’ और ‘200’ सूक्ष्म अक्षरों में लिखा होता है।
  4. सिक्योरिटी थ्रेड: नोट में ‘भारत’ और ‘RBI’ लिखा हुआ सुरक्षा धागा होता है।
  5. अशोक स्तंभ: नोट के दाईं ओर अशोक स्तंभ का प्रतीक होता है।

सावधानी ही बचाव है:
आरबीआई ने अपील की है कि नकली नोटों से बचने के लिए लेन-देन के दौरान नोटों की अच्छी तरह जांच करें। यदि किसी को नकली नोट मिलता है, तो इसकी तुरंत सूचना स्थानीय अधिकारियों को दें।

नोटबंदी के बावजूद नकली नोटों का संकट:
9 साल पहले 2016 में हुई नोटबंदी के बावजूद नकली नोटों का संकट खत्म नहीं हुआ है। सरकार और जनता को मिलकर इस समस्या से निपटने की जरूरत है। नकली नोटों के बढ़ते प्रचलन को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग उठ रही है।

(रिपोर्ट: खासदार टाईम्स)

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