महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल: संजय राउत का दावा – शिंदे गुट में नया नेतृत्व उभरने वाला है
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने दावा किया है कि शिंदे गुट में एक नए नेतृत्व का उदय होने वाला है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को हटाने की योजना तैयार कर ली है।
राउत ने कहा कि एकनाथ शिंदे इस मुद्दे को लेकर चिंतित रहते हैं और बार-बार अपने गृह नगर सतारा के दारे गांव चले जाते हैं। उन्होंने दावा किया कि शिंदे गुट के वरिष्ठ नेता और मंत्री उदय सामंत को 20 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे मुख्यमंत्री पद के लिए शिंदे को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी है।
शिंदे को हटाने की साजिश?
संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में शिंदे की स्थिति कमजोर हो रही है और बीजेपी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की पूरी तैयारी कर ली है। राउत ने कहा, “बीजेपी पहले की तरह सत्ता पर पूरी पकड़ बनाए रखना चाहती है और एकनाथ शिंदे अब उनके लिए बोझ बनते जा रहे हैं।”
वहीं, दूसरी ओर मंत्री उदय सामंत ने दावा किया था कि शिवसेना (यूबीटी) के कई नेता और निर्वाचित प्रतिनिधि जल्द ही शिंदे गुट में शामिल होंगे। सामंत का कहना था कि विधानसभा चुनाव के बाद कई सांसद शिंदे के संपर्क में हैं, और जल्द ही वे शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, संजय राउत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।
फडणवीस से नाराज चल रहे हैं शिंदे?
खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कुछ फैसलों से एकनाथ शिंदे नाराज हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने संरक्षक मंत्रियों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें कैबिनेट मंत्रियों को जिलों का गार्जियन मिनिस्टर बनाया गया था। शिंदे गुट ने रायगढ़ और नासिक जिले की मांग की थी, लेकिन फडणवीस ने इस मांग को खारिज कर दिया। इससे शिंदे खेमे में नाराजगी बढ़ गई थी।
क्या महाराष्ट्र में फिर बदल सकता है सियासी समीकरण?
महाराष्ट्र की राजनीति में पहले भी कई बार उलटफेर हो चुके हैं। एकनाथ शिंदे ने वर्ष 2022 में उद्धव ठाकरे से बगावत कर सरकार गिरा दी थी और बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे। अब फिर से अगर शिंदे की स्थिति कमजोर होती है, तो महाराष्ट्र में एक नया राजनीतिक समीकरण देखने को मिल सकता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र में गठबंधन की राजनीति में तनाव बढ़ता जा रहा है। एक ओर शिंदे गुट को अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती है, तो दूसरी ओर बीजेपी की रणनीति शिंदे को हटाकर अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है।
अब देखना यह होगा कि संजय राउत के इस दावे में कितनी सच्चाई है और क्या महाराष्ट्र की राजनीति में एक और बड़ा उलटफेर देखने को मिलेगा।