उत्तराखंड में UCC लागू करने पर AIMIM नेता वारिस पठान का विरोध, साध्वी ऋतंभरा को पद्म पुरस्कार देने पर भी उठाए सवाल

उत्तराखंड में सोमवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किए जाने की घोषणा पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता वारिस पठान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यह कहां का यूनिफॉर्म सिविल कोड है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस कानून के जरिए मुसलमानों की शादी और संपत्ति के अधिकारों में दखल देना चाहती है।
वारिस पठान ने कहा, “भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है। विविधता हमारे देश की ताकत है, लेकिन सरकार UCC लाकर मुसलमानों को परेशान करने का प्रयास कर रही है। यह कानून देश में लागू नहीं हो सकता क्योंकि भारत की पहचान विविधता में एकता है।”
साध्वी ऋतंभरा को पद्म पुरस्कार देने पर हमला
वारिस पठान ने साध्वी ऋतंभरा को पद्म पुरस्कार दिए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात करते हैं, लेकिन पुरस्कार उन लोगों को दिया जा रहा है जिन्होंने बाबरी मस्जिद को शहीद करने में भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि साध्वी ऋतंभरा लालकृष्ण आडवाणी के साथ रथ यात्रा में शामिल थीं और अब उन्हें सम्मानित किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी केवल नफरत फैलाना जानती है और उसने देश के विकास के लिए कुछ नहीं किया है।
महाकुंभ पर हुसैन दलवई के बयान को लेकर कांग्रेस से स्पष्टीकरण की मांग
प्रयागराज महाकुंभ को लेकर कांग्रेस नेता हुसैन दलवई के बयान पर वारिस पठान ने कहा कि कांग्रेस को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। महाकुंभ में लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन सरकार मुसलमानों को स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं दे रही है। अगर कोई व्यक्ति दो वक्त की रोजी-रोटी कमाना चाहता है तो इसमें तकलीफ क्यों होनी चाहिए?”
26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने का समर्थन
वारिस पठान ने मुंबई 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “अगर कोई व्यक्ति आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हमने हमेशा आतंकवाद का विरोध किया है, और तहव्वुर राणा को भारत लाकर न्यायिक प्रक्रिया के तहत सजा दी जानी चाहिए। कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह सभी को मान्य होना चाहिए।”
वारिस पठान के इन बयानों से राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है, वहीं UCC को लेकर देशभर में प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।