शिवसेना शिंदे गुट के पदाधिकारी अशोक धोडी आठ दिनों से लापता, परिवार ने जताया अपहरण का संदेह

पालघर जिले के डहाणू में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। शिवसेना शिंदे गुट के पदाधिकारी अशोक धोडी पिछले आठ दिनों से रहस्यमय तरीके से लापता हैं। पुलिस ने उनकी तलाश में व्यापक प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। उनकी गुमशुदगी से स्थानीय स्तर पर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
क्या है पूरा मामला?
अशोक धोडी, जो कि डहाणू विधानसभा क्षेत्र के समन्वयक के रूप में काम कर चुके हैं, 20 जनवरी को अपनी पत्नी को फोन कर डहाणू से घर लौटने की जानकारी दी थी। इसके बाद अचानक उनका फोन बंद हो गया और तब से उनका कोई पता नहीं चला है। धोडी अपने वाहन समेत लापता हैं।
उनके अचानक गायब होने से परिवार सदमे में है और उन्होंने उनके अपहरण की आशंका जताई है। परिवार का कहना है कि पुलिस मामले की गंभीरता को समझ नहीं रही और जांच में लापरवाही बरती जा रही है।
परिवार ने पुलिस पर लगाए आरोप
अशोक धोडी के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वे आठ दिनों से पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। परिवार को संदेह है कि धोडी को अपहरण कर गुजरात ले जाया गया है।
क्या है पुलिस की कार्रवाई?
पुलिस ने तलाशी अभियान तेज करते हुए इलाके की जांच की, जहां धोडी की गाड़ी की खिड़कियों के कांच डोंगरी इलाके के पास टूटे हुए पाए गए हैं। इस नए सबूत के सामने आने के बाद पुलिस अब विभिन्न कोणों से जांच कर रही है।
पत्नी ने जताई चिंता
धोडी की पत्नी ने कहा, “20 तारीख को उन्होंने फोन कर बताया था कि वह घर आ रहे हैं, लेकिन इसके बाद से न तो उनका फोन आया और न ही उनका कुछ पता चल सका। मुझे पूरा यकीन है कि मेरे पति का अपहरण किया गया है। पुलिस को जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।”
राजनीतिक एंगल की जांच
गौरतलब है कि अशोक धोडी महाराष्ट्र-गुजरात सीमा विवाद के मुद्दे पर लगातार सक्रिय थे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या उनकी गुमशुदगी के पीछे कोई राजनीतिक कारण तो नहीं? पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है।
इस घटना ने पालघर जिले में चिंता बढ़ा दी है, और लोग पुलिस से जल्द से जल्द धोडी को खोजने की मांग कर रहे हैं।