महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल: क्या फिर एक होंगे ठाकरे और शिंदे?

महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के फिर से एक होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। हालांकि, उद्धव ठाकरे गुट ने इस संभावना को सिरे से खारिज कर दिया है।
बीजेपी और शिंदे गुट का दबाव बढ़ा
लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना (यूबीटी) का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इसके चलते उद्धव गुट के नेताओं, सांसदों, विधायकों और पूर्व नगरसेवकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
दूसरी ओर, बीजेपी और एकनाथ शिंदे का दबाव बढ़ता जा रहा है। शिंदे जहां “ऑपरेशन टाइगर” के तहत उद्धव की पार्टी को कमजोर करने में जुटे हैं, वहीं बीजेपी “ऑपरेशन लोटस” के जरिए शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है।
यूबीटी के कई नेता छोड़ सकते हैं पार्टी?
महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, क्योंकि शिवसेना (यूबीटी) के छह सांसदों के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें हैं। कई विधायक और अन्य पदाधिकारी डीसीएम एकनाथ शिंदे के संपर्क में बताए जा रहे हैं।
हाल ही में पुणे के पूर्व विधायक महादेव बाबर ने मुंबई में एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। वहीं, कोथरूड के पूर्व विधायक चंद्रकांत मोकाटे भी उद्धव से नाराज बताए जा रहे हैं और शिंदे गुट के संपर्क में हैं।
क्या फिर एक होंगे ठाकरे और शिंदे?
इस बीच, शिंदे गुट के मंत्री संजय शिरसाट के बयान ने राजनीतिक अटकलों को और हवा दे दी है।
एक साक्षात्कार में संजय शिरसाट ने कहा:
“अब जोड़ने का समय आ गया है। दोनों गुटों के बीच इतनी दूरियां नहीं बढ़ी हैं कि उन्हें फिर से नहीं जोड़ा जा सके।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना के बंटवारे से दुख होता है, और अगर मौका मिला तो वह उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को साथ लाने की कोशिश करेंगे। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि “एकतरफा प्रयास से कुछ नहीं होगा।”
उद्धव ने बीजेपी के साथ जाने की संभावना को किया खारिज
इसी बीच, उद्धव ठाकरे और बीजेपी के फिर साथ आने की अटकलें भी जोर पकड़ रही हैं।
रविवार को बीजेपी विधायक पराग अलवाणी की बेटी के विवाह समारोह में उद्धव ठाकरे की मुलाकात बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री चंद्रकांत पाटिल से हुई। दोनों ने आत्मीयता से मुलाकात की और चर्चा की, जिसके बाद इस गठबंधन की चर्चाएं और तेज हो गईं।
उसी दौरान यूबीटी विधायक मिलिंद नार्वेकर ने चंद्रकांत पाटिल से पूछा – “युति (गठबंधन) कब होगी?”
इस पर पाटिल ने जवाब दिया – “मैं भी बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। वह पल मेरे लिए सुनहरे पल होंगे।”
हालांकि, बाद में उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने स्पष्ट किया कि फिलहाल वे ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में हैं। उन्होंने कहा, “बीजेपी के कई नेता चाहते हैं कि उद्धव फिर से उनके साथ आएं, लेकिन अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।”
क्या महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा?
अब सवाल यह है कि क्या उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे फिर से एक होंगे? क्या बीजेपी और उद्धव की शिवसेना (यूबीटी) के बीच फिर गठबंधन होगा?
फिलहाल, महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज है और आने वाले दिनों में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो सकता है।