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दिल्ली विधानसभा चुनाव: मुस्लिम बहुल सीटों पर जबरदस्त मतदान, बीजेपी और AAP के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज

दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार फिर तीरकोणीय मुकाबले के संकेत मिल रहे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच जोरदार चुनावी संघर्ष जारी है। बुधवार को मतदान के दौरान विभिन्न सीटों पर भारी वोटिंग दर्ज की गई, खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में।

मुस्लिम बहुल सीटों पर मतदान का ट्रेंड

दिल्ली में कुल 11 सीटें मुस्लिम बहुल मानी जाती हैं, जिनमें चांदनी चौक, मटियामहल, बल्लीमारन, ओखला, सीमापुरी, सीलमपुर, बाबरपुर जैसी सीटें शामिल हैं। इन इलाकों में दोपहर 5 बजे तक वोटिंग प्रतिशत औसत से अधिक रहा।

विधानसभा सीटवोटिंग प्रतिशत (शाम 5 बजे तक)
चांदनी चौक52.76%
मटियामहल61.40%
बल्लीमारन59.56%
ओखला52.77%
सीमापुरी62.47%
सीलमपुर66.14%
बाबरपुर54.51%
मुस्तफाबाद66.68%
करावल नगर62.74%
जंगपुरा55.23%

सीलमपुर में ‘बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान’ का आरोप

चुनाव के बीच बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने बुर्के की आड़ में फर्जी मतदान करवाया। पार्टी का दावा है कि AAP ने बाहरी महिलाओं को मास्क और बुर्का पहनाकर वोट डलवाए। कई महिलाओं ने शिकायत की कि उनके नाम पर पहले ही वोट डाले जा चुके हैं।

जंगपुरा में AAP का BJP पर ‘पैसे बांटने’ का आरोप

AAP के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने जंगपुरा में मतदाताओं के बीच पैसे बांटे। उन्होंने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में यह सब हो रहा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

चुनाव आयोग ने ‘चंद्रयान से चुनाव तक’ थीम से सजाया पोलिंग स्टेशन

मतदान को बढ़ावा देने के लिए चुनाव आयोग ने दिल्ली के कई पोलिंग स्टेशनों को विशेष रूप से सजाया। पटेल नगर इलाके के एक पोलिंग स्टेशन पर ‘चंद्रयान से चुनाव तक’ थीम अपनाई गई, जिससे मतदाता आकर्षित होकर मतदान केंद्र पहुंचे।

दिल्ली में किस चुनाव में कितने वोट पड़े?

दिल्ली में विधानसभा चुनावों में अब तक मतदान प्रतिशत में उतार-चढ़ाव देखा गया है:

  • 1993: 61.57% मतदान (बीजेपी सरकार बनी)
  • 1998: 48.99% मतदान (कांग्रेस सत्ता में आई)
  • 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी।

क्या फिर बदलेगा दिल्ली का सियासी समीकरण?

इस बार के चुनाव में मुस्लिम बहुल इलाकों में अधिक मतदान प्रतिशत ने राजनीतिक विश्लेषकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी तीनों ही अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। क्या दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आएगा या फिर केजरीवाल सरकार को फिर से जनसमर्थन मिलेगा? इसका जवाब जल्द ही सामने आएगा।

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