एकनाथ शिंदे को बड़ा झटका, राज्य सरकार के महत्वपूर्ण प्राधिकरण से किया गया बाहर

मुंबई: महाराष्ट्र में महायुती सरकार के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, ऐसे कयासों के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक और बड़ा झटका लगा है। पालकमंत्री पद को लेकर पहले से ही विवाद चल रहा था, और अब राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्राधिकरण में से उनका नाम हटा दिया है। उनकी जगह उपमुख्यमंत्री अजित पवार को शामिल किया गया है।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का पुनर्गठन किया है, जिसमें मुख्यमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन, राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव-पाटील और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर समेत 9 मंत्रियों को शामिल किया गया है। हालांकि, इस सूची में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम न होने से राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
शिंदे को बाहर करने पर उठ रहे सवाल
एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास 57 विधायक हैं, जो भाजपा के बाद महायुती में दूसरा सबसे बड़ा दल है। वहीं, अजित पवार की एनसीपी के पास 41 विधायक हैं। इसके बावजूद एकनाथ शिंदे, जो खुद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, को इस महत्वपूर्ण प्राधिकरण से बाहर रखना हैरान करने वाला है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, अजित पवार को इस प्राधिकरण में शामिल करने का कारण उनका वित्त मंत्री होना बताया गया है। यह निर्णय वरिष्ठता के आधार पर नहीं, बल्कि प्रशासनिक जरूरतों के अनुसार लिया गया है। एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि इस फैसले से पहले एकनाथ शिंदे को भरोसे में लिया गया था।
क्या महायुती में सब ठीक नहीं?
महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से महायुती सरकार के भीतर मतभेद की खबरें सामने आ रही हैं। पहले पालकमंत्री पद को लेकर विवाद हुआ और अब एकनाथ शिंदे को महत्वपूर्ण निर्णय प्रक्रिया से बाहर रखा गया है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि भाजपा और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (शिंदे गुट) पर दबाव बना रही है। आगामी दिनों में इस राजनीतिक घटनाक्रम पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।