औरंगाबाद में 7वीं की छात्रा के अपहरण की खबर से हड़कंप, 11 घंटे की जांच के बाद सामने आई चौंकाने वाली सच्चाई!

औरंगाबाद में हाल ही में 2 करोड़ की फिरौती के लिए बिल्डर सुनील तुपे के 7 वर्षीय बेटे चैतन्य तुपे का अपहरण किया गया था, जिससे पूरे शहर में सनसनी फैल गई थी। अब इसी शहर में एक और अपहरण की खबर ने पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। शनिवार सुबह जब 7वीं कक्षा की छात्रा स्कूल के लिए निकली, तो उसने दावा किया कि दो बाइक सवारों ने उसका पीछा किया और चेहरे पर स्प्रे मारकर उसे अगवा करने की कोशिश की। इस खबर के बाद पुलिस फौरन हरकत में आ गई। लेकिन 11 घंटे की कड़ी जांच के बाद जो सच सामने आया, उसने सभी को चौंका दिया।
क्या सच में हुआ था अपहरण का प्रयास?
पुंडलिकनगर इलाके में रहने वाली 13 वर्षीय छात्रा रोज स्कूल बस से जाती थी, लेकिन उस दिन बस ड्राइवर छुट्टी पर था, इसलिए परिवार के एक सदस्य ने उसे जय भवानीनगर रोड पर छोड़ दिया। वहां से छात्रा पैदल स्कूल जा रही थी। तभी अचानक उसे चक्कर आ गया और वह सड़क किनारे बैठ गई। यह देखकर मॉर्निंग वॉक कर रहे कुछ लोगों ने उसकी मदद की। इसी दौरान घबराई हुई छात्रा ने दावा किया कि दो बाइक सवारों ने उसका पीछा किया और चेहरे पर स्प्रे मारकर बेहोश करने की कोशिश की।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, 11 घंटे की गहन जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस तुरंत सतर्क हो गई। इलाके में संदिग्ध बाइक सवारों की तलाश शुरू हो गई। पुलिस उपायुक्त से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक मौके पर पहुंच गए। पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी गई और 11 घंटे तक लगातार जांच चली।
छात्रा ने खुद बताया सच
शाम होते-होते जब पुलिस ने छात्रा को विश्वास में लेकर दोबारा पूछताछ की, तो उसने खुद स्वीकार किया कि अपहरण जैसा कुछ भी नहीं हुआ था। उसे केवल चक्कर आया था और डर के कारण उसने यह कहानी बना दी थी। पुलिस ने राहत की सांस ली, लेकिन यह घटना कई सवाल खड़े कर गई।
क्या अपहरण की घटनाओं ने बच्चों के मन में बैठा दिया है डर?
औरंगाबाद में बिल्डर सुनील तुपे के बेटे के अपहरण प्रकरण के बाद से पूरे शहर में दहशत का माहौल था। अब उसी इलाके में इस छात्रा द्वारा झूठी अपहरण की कहानी गढ़े जाने से यह सवाल उठने लगा है कि क्या बार-बार हो रही घटनाओं से बच्चों के मन में अनजाना भय बैठ गया है? क्या वे अब हर असामान्य परिस्थिति को अपहरण समझने लगे हैं?
इस घटना ने अभिभावकों को सतर्क कर दिया है कि वे अपने बच्चों से संवाद करें और उन्हें सही तरीके से परिस्थिति को समझने के लिए मानसिक रूप से मजबूत बनाएं।
(औरंगाबाद पुलिस ने इस मामले की जांच पूरी कर ली है और सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को जागरूक करें और उन्हें किसी भी स्थिति में घबराने के बजाय समझदारी से काम लेने की सीख दें।)