महाराष्ट्र में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून की तैयारी, समिति गठित! रईस शेख ने की आलोचना

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून बनाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करेगी। इस समिति की अध्यक्षता महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) करेंगे।
सरकारी संकल्प के अनुसार, इस समिति में महिला एवं बाल विकास, अल्पसंख्यक विकास, कानून और न्याय, सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग से एक-एक सदस्य होंगे। इसके अलावा, गृह विभाग के भी दो प्रतिनिधि समिति में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पहले कहा था कि महाराष्ट्र सरकार धर्मांतरण, विशेष रूप से अंतरधार्मिक विवाहों के संदर्भ में होने वाले ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक कानून लाने की योजना बना रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों में पहले से ही ऐसे कानून लागू हैं।
समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास ऐसे मामलों का सांख्यिकीय प्रमाण नहीं है और इस मुद्दे को ‘जिहाद’ के रूप में प्रस्तुत कर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया जा रहा है।
सरकारी संकल्प के अनुसार, समिति का मुख्य उद्देश्य वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना, ‘लव जिहाद’ और जबरन धार्मिक रूपांतरण की शिकायतों का समाधान करना, अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन करना और कानूनी ढांचा तैयार करना है। इसके अलावा, जनता, जनप्रतिनिधियों और संगठनों की मांगों को भी ध्यान में रखते हुए समिति सिफारिशें देगी।
विधायक रईस शेख ने कहा, “पहले सरकार ने दावा किया था कि राज्य में ‘लव जिहाद’ के एक लाख से अधिक मामले हैं, लेकिन वे एक भी मामला साबित नहीं कर पाए हैं। मैंने विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था और यह स्पष्ट किया था कि कोई ठोस आंकड़ा नहीं है। यह मुद्दा पूरी तरह से राजनीतिकरण किया जा रहा है।”
उल्लेखनीय है कि जब देवेंद्र फडणवीस 2023 में महायुति सरकार के उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कहा था, “कई मामले सामने आए हैं, जिसमें लड़कियों ने शादी के बाद धर्म परिवर्तन किया है। इसके लिए चारों ओर से कानून बनाने की मांग उठ रही है। हमने पहले भी सदन में इसकी घोषणा की थी कि अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन कर महाराष्ट्र में उचित कदम उठाया जाएगा।”
सरकार की इस पहल पर राजनीति गरमा सकती है, क्योंकि यह मुद्दा समाज और राजनीति के बीच एक गहन बहस को जन्म दे सकता है।