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भारतीय संविधान जीवन जीने की कला है: डोंगरदिवे सर

लोणार प्रतिनिधि: फिरदोस खान पठान

लोणार: कै. कू दुर्गा क. बनमेरू विज्ञान महाविद्यालय, लोणार में 14 फरवरी 2025 को “संविधान गौरव महोत्सव” के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रकाश बनमेरू ने की। मुख्य वक्ता के रूप में जिलापरिषद शिक्षक और राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मिलिंद गायकवाड़ तथा डोंगरदिवे सर मंच पर उपस्थित थे।

संविधान गौरव का महत्व

कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. मिलिंद गायकवाड़ ने संविधान गौरव महोत्सव के उद्देश्य और महत्व को समझाते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने विद्यार्थियों को भारतीय संविधान को पढ़ने और अपनाने का आग्रह किया।

डोंगरदिवे सर का मार्गदर्शन

मुख्य वक्ता डोंगरदिवे सर ने अपने उद्बोधन में बताया कि भारतीय संविधान केवल राजनीतिक या आर्थिक नियोजन का दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की कला है। उन्होंने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के अथक परिश्रमों की सराहना की, जिन्होंने भारत में सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और भौगोलिक असमानताओं को दूर करने के लिए संविधान का निर्माण किया।

डोंगरदिवे सर ने संविधान की धाराओं, महिलाओं के अधिकारों, सजीव-निर्जीव वस्तुओं को समान अधिकार और संविधान संशोधन प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों को संविधान को पढ़ना चाहिए और अपने ज्ञान का उपयोग समाज कल्याण के लिए करना चाहिए।

प्राचार्य डॉ. प्रकाश बनमेरू का अध्यक्षीय संबोधन

अपने अध्यक्षीय समापन में प्राचार्य डॉ. प्रकाश बनमेरू ने संविधान के विभिन्न पहलुओं और उसकी बारीकियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने युवाओं से भारतीय संविधान का अध्ययन करने और इसे अपनाने की अपील की।

कार्यक्रम का समापन

आभार प्रदर्शन प्रा. डॉ. कमलाकर वाव्हल ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के सभी शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा।

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