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कलौंजी (Nigella Sativa) –कुदरत का अनमोल तोहफा, मौत के अलावा हर मर्ज का इलाज

कलौंजी को आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में बेहद चमत्कारी औषधि माना गया है। इसे “कलयुग की संजीवनी” कहा जाता है, क्योंकि यह अनेक बीमारियों का उपचार करने में सहायक है। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
कैसे करें कलौंजी का सेवन?
कलौंजी का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है:
- सीधा सेवन: 1 चम्मच कलौंजी के बीज पानी के साथ निगलें।
- शहद के साथ: एक चम्मच शहद में एक चम्मच कलौंजी मिलाकर सेवन करें।
- कलौंजी पानी: कलौंजी को पानी में उबालकर पीने से अधिक लाभ मिलता है।
- दूध में उबालकर: दूध में उबालकर पीने से शरीर को अतिरिक्त पोषण मिलता है।
- ब्रेड और सलाद में: इसे ब्रेड, पनीर, सलाद और अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाकर खाया जा सकता है।
- तेल के रूप में: कलौंजी के तेल को त्वचा और बालों पर लगाया जाता है। इसे खाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कलौंजी किन रोगों में लाभदायक है?
- डायबिटीज
- टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
- 2 ग्राम कलौंजी के रोजाना सेवन से ग्लूकोज लेवल नियंत्रित रहता है।
- इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होती है, जिससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।
- मिर्गी
- एक अध्ययन के अनुसार, कलौंजी का अर्क मिर्गी के दौरे को कम करने में सहायक होता है।
- बच्चों में विशेष रूप से इसके सकारात्मक प्रभाव देखे गए हैं।
- उच्च रक्तचाप (Hypertension)
- रोजाना 100-200 मि.ग्रा. कलौंजी का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।
- कलौंजी के तेल को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।
- गंजापन
- कलौंजी का तेल बालों के लिए वरदान है।
- जलाए हुए कलौंजी के बीजों को हेयर ऑयल में मिलाकर सिर पर लगाने से गंजापन दूर होता है और नए बाल उगते हैं।
- त्वचा संबंधी रोग
- कलौंजी पाउडर को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से स्किन के संक्रमण ठीक होते हैं।
- मुंहासे, दाग-धब्बों और झुर्रियों में भी लाभकारी है।
- लकवा (Paralysis)
- एक चौथाई चम्मच कलौंजी का तेल गुनगुने दूध के साथ लेने से लकवे में लाभ होता है।
- प्रभावित अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करनी चाहिए।
- कान की सूजन और बहरापन
- कान में कलौंजी का तेल डालने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
- बहरापन के मामलों में भी यह फायदेमंद है।
- सर्दी-जुकाम
- कलौंजी और जैतून के तेल को मिलाकर नाक में डालने से जुकाम में राहत मिलती है।
- कलौंजी को सूंघने से बंद नाक खुल जाती है।
- अस्थमा
- गर्म पानी में कलौंजी उबालकर पीने से अस्थमा के मरीजों को फायदा होता है।
- एक चम्मच कलौंजी तेल और शहद मिलाकर लेना भी कारगर है।
- छींकों की समस्या
- सूखे चने और कलौंजी को मिलाकर सूंघने से छींकों की समस्या दूर होती है।
- पेट के कीड़े
- 10 ग्राम कलौंजी को पीसकर शहद के साथ खाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- प्रसव पीड़ा में राहत
- कलौंजी का काढ़ा पीने से प्रसव पीड़ा कम होती है।
- पोलियो
- गुनगुने पानी में कलौंजी तेल और शहद मिलाकर पीने से पोलियो ठीक होने में मदद मिलती है।
- मुंहासे
- सिरके में कलौंजी पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे खत्म हो जाते हैं।
- ऊर्जा और स्फूर्ति
- नांरगी के रस में आधा चम्मच कलौंजी तेल मिलाकर पीने से थकान दूर होती है।
- गठिया (Arthritis)
- कलौंजी और रीठा के पत्तों का काढ़ा पीने से गठिया में लाभ होता है।
- जोड़ों का दर्द
- सिरका, शहद और कलौंजी तेल मिलाकर पीने से जोड़ों का दर्द ठीक होता है।
- आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए
- गाजर के रस में कलौंजी का तेल और शहद मिलाकर पीने से आँखों की रोशनी बढ़ती है।
- मानसिक तनाव
- सोते समय गर्म पानी में कलौंजी तेल मिलाकर पीने से मानसिक तनाव कम होता है।
- कैंसर
- अंगूर के रस में कलौंजी का तेल मिलाकर पीने से कैंसर के मरीजों को फायदा होता है।
- कब्ज
- कलौंजी, शहद और दूध का सेवन करने से कब्ज दूर होती है।
- पेट दर्द
- नींबू पानी में कलौंजी और शहद मिलाकर पीने से पेट दर्द में राहत मिलती है।
- सिर दर्द
- कलौंजी के तेल की मालिश करने से सिर दर्द ठीक होता है।
- उल्टी
- अदरक के रस और कलौंजी तेल को मिलाकर पीने से उल्टी बंद होती है।
- हर्निया
- करेले के रस में कलौंजी तेल मिलाकर पीने से हर्निया में राहत मिलती है।
- पीलिया
- दूध में कलौंजी तेल मिलाकर पीने से पीलिया ठीक होता है।
- नपुंसकता और यौन शक्ति बढ़ाने के लिए
- कलौंजी तेल और जैतून का तेल मिलाकर लेने से यौन शक्ति बढ़ती है।
- नींद न आने की समस्या
- शहद और कलौंजी तेल मिलाकर पीने से अच्छी नींद आती है।
- मासिक धर्म की अनियमितता
- कलौंजी के सेवन से मासिक धर्म नियमित होता है और दर्द में भी राहत मिलती है।
- बालों की ग्रोथ के लिए
- कलौंजी को पानी में उबालकर बाल धोने से बाल घने और मजबूत होते हैं।
सावधानियां और निष्कर्ष
- गर्भवती महिलाएं कलौंजी का सेवन न करें, क्योंकि इससे गर्भपात हो सकता है।
- अत्यधिक मात्रा में सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर में गर्मी बढ़ा सकता है।
- यदि किसी को कोई एलर्जी हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही सेवन करें।
निष्कर्ष:
कलौंजी एक अद्भुत प्राकृतिक औषधि है जो अनेक बीमारियों को ठीक करने में सहायक है। यदि इसका नियमित और सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह जीवन में कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकती है।