क्या गाजा पट्टी से फिलिस्तीनियों को हटाने की साजिश कर रहे हैं ट्रंप और नेतन्याहू?

वॉशिंगटन/काहिरा: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाल ही में साझा किए गए एआई वीडियो ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा कर दिया है। इस वीडियो में ट्रंप ने गाजा के संभावित भविष्य की तस्वीर पेश करने की कोशिश की, जिसमें नाइट क्लब, पूल पार्टियां और इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू भी नजर आ रहे थे। कई मुस्लिम देशों ने इस वीडियो की आलोचना करते हुए इसे फिलिस्तीनियों के खिलाफ अपमानजनक बताया है।
गाजा सीजफायर पर संकट गहराया
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर का पहला चरण 1 मार्च को समाप्त हो चुका है, लेकिन नए समझौते पर सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच मिस्र सरकार ने गाजा के पुनर्निर्माण के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है, जिसे 4 मार्च को अरब शिखर सम्मेलन में पेश किया जाएगा।
मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलाती ने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य फिलिस्तीनी आबादी को गाजा में ही बनाए रखना है। यह योजना केवल अरब देशों तक सीमित नहीं होगी, बल्कि इसमें अंतरराष्ट्रीय समर्थन और आर्थिक भागीदारी भी शामिल होगी।
पुनर्निर्माण के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी
मिस्र के विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस योजना को सफल बनाने के लिए प्रमुख दानदाता देशों और यूरोपीय समुदाय का समर्थन आवश्यक होगा। उन्होंने कहा,
“हम इस योजना के अनुमोदन के बाद वैश्विक भागीदारों के साथ गहन वार्ता करेंगे। गाजा के पुनर्निर्माण के लिए यूरोपीय देशों की आर्थिक भागीदारी महत्वपूर्ण होगी।”
इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक
अरब शिखर सम्मेलन के बाद सऊदी अरब में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक होगी। इसमें शिखर सम्मेलन के निष्कर्षों को वैश्विक स्तर पर प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करने की रणनीति तैयार की जाएगी।
इजरायल का हमास को अल्टीमेटम
इजरायल ने गाजा पट्टी में सभी वस्तुओं और रसद की आपूर्ति रोक दी है और चेतावनी दी कि यदि हमास संघर्ष विराम को बढ़ाने के नए प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। दूसरी ओर, हमास ने इजरायल पर संघर्ष विराम को नाकाम करने का आरोप लगाया है और सहायता पर प्रतिबंध को युद्ध अपराध और जबरन वसूली करार दिया है।
क्या गाजा संकट का हल निकलेगा?
जहां एक ओर मिस्र और अरब देश गाजा पुनर्निर्माण की रणनीति तैयार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ट्रंप का भड़काऊ वीडियो और इजरायल-हमास के बीच तनाव इस संकट को और गहरा बना रहा है। अब सबकी नजरें 4 मार्च को अरब शिखर सम्मेलन और OIC बैठक पर टिकी हैं, जहां इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
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