रमजान में गरीबों के बिजली मीटर काटे, उद्योगपतियों को छूट – दलित पैंथर ने दी आंदोलन की चेतावनी

औरंगाबाद: रमजान जैसे पवित्र महीने में गरीब मुस्लिम परिवारों को राहत देने के बजाय बिजली विभाग उनके साथ अन्याय कर रहा है। झोपड़पट्टी और स्लम इलाकों में रहने वाले गरीब नागरिकों के बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं, जबकि बड़े उद्योगपतियों और कारखानदारों को छूट दी जा रही है।
बिजली विभाग द्वारा झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के घरेलू मीटरों पर अधिक बिल लगाया जा रहा है, जिससे हाथ-मुंह की कमाई पर जीने वाले नागरिक परेशान हो रहे हैं। पहले ही बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहे गरीबों पर बिजली बिल का भारी बोझ डाल दिया गया है। दूसरी ओर, लाखों रुपये बकाया रखने वाले बड़े उद्योगपतियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे दोहरे मापदंड साफ नजर आ रहे हैं।
दिल्ली सरकार ने झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले नागरिकों को बिजली में राहत दी है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार गरीबों पर अन्याय कर रही है। अगर बिजली विभाग ने गरीब नागरिकों के मीटर काटने का यह अमानवीय सिलसिला सात दिनों में नहीं रोका, तो भारतीय दलित पैंथर की ओर से तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।
भारतीय दलित पैंथर संगठन के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण भुतकर, धम्मपाल दांडगे, दशरथ कांबले और संजय सरोड़े ने इस अन्याय के खिलाफ विद्युत विभाग और सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द यह कार्रवाई रोकी जाए, अन्यथा कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।