“क्या अब राज ठाकरे को भी राष्ट्र-विरोधी घोषित करेगी BJP?” – वारिस पठान का सवाल

पिंपरी चिंचवाड़: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने गंगा नदी की स्वच्छता और पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह गंगा जल नहीं पीएंगे और न ही उसमें स्नान करेंगे। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। इस पर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता वारिस पठान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
वारिस पठान का BJP पर हमला
एएनआई से बात करते हुए वारिस पठान ने कहा,
“अगर मैंने ऐसा बयान दिया होता, तो मुझे राष्ट्र-विरोधी और हिंदू-विरोधी घोषित कर दिया जाता। मुझे जेल में डाल दिया जाता। अब बीजेपी राज ठाकरे के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रही है?”
पठान ने भाजपा पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि जब राज ठाकरे ने गंगा जल को लेकर सवाल उठाया है, तब भाजपा और उनके समर्थकों को इस पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है।
राज ठाकरे का बयान
दरअसल, मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने पिंपरी चिंचवाड़ में अपनी पार्टी के 19वें स्थापना दिवस के मौके पर कहा,
“बाला नंदगांवकर मेरे लिए प्रयागराज से गंगा जल लेकर आए थे। उन्होंने कहा कि इसे पी लो, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैंने कहा – ‘मैं नहाने वाला नहीं हूं और गंगा जल क्यों पीना चाहिए?’”
उन्होंने गंगा की स्वच्छता पर सवाल उठाते हुए कहा,
“वह पानी कौन पीएगा? कोविड के बाद लोग मास्क लगाकर घूमते थे और अब गंगा में स्नान कर रहे हैं। मैंने लोगों को गंगा में कपड़े धोते और शरीर रगड़ते हुए देखा है। आस्था का भी कुछ अर्थ होना चाहिए।”
पठान का BJP पर सीधा वार
पठान ने कहा कि अगर यही बयान उन्होंने दिया होता तो उनके खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाती। उन्होंने कहा,
“राज ठाकरे ने गंगा जल को लेकर टिप्पणी की है। अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बताएं कि राज ठाकरे को राष्ट्र-विरोधी घोषित किया जाएगा या नहीं?”
BJP पर पक्षपात का आरोप
AIMIM नेता ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी अपने नेताओं और समर्थकों के प्रति नरमी बरतती है, जबकि अन्य लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा,
“अगर यही बयान मैंने दिया होता तो मुझ पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो चुका होता।”
राजनीतिक हलचल तेज
राज ठाकरे के इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। भाजपा की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्षी दलों ने भाजपा के रवैये पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।