
सफलता किसी की मोहताज नहीं होती, बस मेहनत, लगन और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। नागपुर के प्यारे खान ने इसका जीता-जागता उदाहरण पेश किया है। कभी रेलवे स्टेशन के बाहर संतरे बेचने वाले प्यारे खान आज 600 करोड़ रुपये की ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक हैं। उनकी यह सफलता की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।

संघर्ष से सफलता तक का सफर
प्यारे खान का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। उनकी मां रईसा खातून छोटे-मोटे काम करके घर चलाती थीं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण प्यारे और उनके भाई-बहन नागपुर रेलवे स्टेशन के बाहर संतरे बेचते थे। संघर्ष के दिनों में खान ने ऑटो-रिक्शा भी चलाया। लेकिन उनका सपना बड़ा था और उन्होंने इसे पूरा करने के लिए मेहनत जारी रखी।
पहला कदम: ट्रक खरीदने का सपना
प्यारे खान की जिंदगी में बड़ा बदलाव तब आया जब उन्होंने ट्रांसपोर्ट बिजनेस में उतरने का फैसला किया। 2004 में उन्होंने पहला ट्रक खरीदने का प्लान बनाया, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। उस वक्त 24 साल की उम्र में बैंक से लोन लेना आसान नहीं था, लेकिन आईएनजी वैश्य बैंक के मैनेजर से बात करके उन्होंने 11 लाख रुपये का लोन पास करवा लिया।

उन्होंने यह लोन तय समय से दो साल पहले ही चुका दिया। इसके बाद उन्होंने अपने ट्रकों की संख्या लगातार बढ़ाई। 2005 से 2007 के बीच उन्होंने अपने ट्रक बेड़े को 12 ट्रकों तक बढ़ा लिया।
बड़ा रिस्क, बड़ा मुनाफा
खान ने उन जगहों पर काम किया, जहां दूसरे जाने से हिचकिचाते थे। उन्होंने बड़े ग्रुपों से डील की और धीरे-धीरे अपने बिजनेस को फैलाया। 2019 तक उनके ट्रकों की संख्या 125 हो गई। उनकी कंपनी अश्मी रोड ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने टाटा, जेएसडब्ल्यू स्टील और सेल जैसी कंपनियों के लिए काम करना शुरू किया।

आज का साम्राज्य: 600 करोड़ का टर्नओवर
आज प्यारे खान की कंपनी हर दिन 3,000 से ज्यादा ट्रकों का संचालन करती है और उनका टर्नओवर 600 करोड़ से ज्यादा है। उनकी कंपनी में 700 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं और देशभर में 10 से ज्यादा ऑफिस हैं।
आईआईएम में किया कमाल
2018 में प्यारे खान ने आईआईएम अहमदाबाद और महिंद्रा ट्रक एंड बस द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में अमेरिका सहित 18 देशों के प्रतिभागी शामिल थे। जहां अन्य लोग लैपटॉप और पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन का सहारा ले रहे थे, वहीं प्यारे खान ने हिंदी में खड़े होकर अपनी सफलता की कहानी सुनाई और प्रतियोगिता जीत ली।
प्रेरणा की मिसाल
प्यारे खान की कहानी बताती है कि अगर इंसान के अंदर जुनून और मेहनत करने की इच्छा हो, तो वह किसी भी मुकाम तक पहुंच सकता है। गरीबी से निकलकर करोड़ों का बिजनेस खड़ा करने वाले खान आज भी जमीन से जुड़े हुए हैं और अपनी सफलता को दूसरों के साथ साझा करना चाहते हैं।
यह कहानी हमें सिखाती है कि:
- मेहनत और ईमानदारी से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
- संघर्ष कितना भी बड़ा हो, हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।
- सही मौके पर सही फैसले लेने से तरक्की की राह खुलती है।
प्यारे खान की यह सफलता की कहानी निश्चित रूप से युवाओं को प्रेरित करेगी और यह साबित करती है कि कुछ भी असंभव नहीं है, बस सपनों को पूरा करने की हिम्मत होनी चाहिए!