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शिवसेना नेता ने औरंगजेब की कब्र को ऐतिहासिक स्मारकों की सूची से हटाने की मांग की

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। औरंगाबाद के खुल्दाबाद स्थित इस मकबरे को राष्ट्रीय स्मारकों की सूची से हटाने की मांग लगातार बढ़ रही है। इसी सिलसिले में शिवसेना नेता और पूर्व सांसद राहुल शेवाले ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर इस मकबरे को एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की संरक्षित स्मारकों की सूची से हटाने का अनुरोध किया है।

शिवसेना नेता ने क्या कहा?

राहुल शेवाले ने अपने पत्र में लिखा कि औरंगजेब एक कट्टरवादी शासक था, जिसने अपने शासनकाल में धार्मिक असहिष्णुता और अत्याचार किए। उन्होंने खासतौर पर 1689 में छत्रपति संभाजी महाराज की निर्मम हत्या का जिक्र किया, जिसमें 40 दिनों तक उन्हें अमानवीय यातनाएं दी गई थीं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में औरंगजेब की विरासत को लेकर भारी आक्रोश है, इसलिए उसकी कब्र को राष्ट्रीय स्मारक की सूची से हटाया जाना चाहिए।

कब्र के संरक्षण पर सवाल

शेवाले ने यह भी कहा कि इस मकबरे को कब और कैसे एएसआई की संरक्षित स्मारकों की सूची में डाला गया, इसका कोई ठोस रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि, यह स्थल प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 (AMASR Act) के तहत संरक्षित है।

राज्य सरकार के पास अधिकार नहीं

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस मकबरे को हटाने में सक्षम नहीं है, क्योंकि यह एएसआई के अधिकार क्षेत्र में आता है। एएमएएसआर अधिनियम के तहत स्मारकों को सूची से हटाने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है।

अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस मांग पर क्या निर्णय लेती है और औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद का क्या समाधान निकलता है।

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