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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: अक्षय शिंदे एनकाउंटर मामले में SIT के आदेश, 5 पुलिस अफसरों पर दर्ज होगी FIR

मुंबई: हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार को करारा झटका देते हुए अक्षय शिंदे एनकाउंटर मामले में एफआईआर दर्ज करने और विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ जल्द से जल्द मामला दर्ज करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

कोर्ट की सख्त टिप्पणी:
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने सरकार की एफआईआर दर्ज करने में अनिच्छा की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह की निष्क्रियता आम लोगों के न्याय व्यवस्था में विश्वास को कमजोर करती है। अदालत ने साफ कहा – “केवल न्याय नहीं होना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए कि न्याय हुआ है।”

क्या है मामला?
ठाणे जिले के बदलापुर स्थित एक स्कूल में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की 23 सितंबर, 2024 को पुलिस कस्टडी में गोली लगने से मौत हो गई थी। घटना उस समय हुई जब शिंदे को तलोजा जेल से कल्याण ले जाया जा रहा था।

एसआईटी जांच के निर्देश:
अदालत ने क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त को एसआईटी गठित करने और इसकी निगरानी पुलिस उपायुक्त द्वारा करवाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि गंभीर अपराध के सभी पहलुओं की गहन जांच होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सच सामने आए।

सरकारी वकील की अपील खारिज:
सरकार के वरिष्ठ वकील अमित देसाई द्वारा कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग भी अदालत ने खारिज कर दी। पीठ ने दो टूक कहा कि जब प्रथम दृष्टया किसी अपराध की पुष्टि होती है, तो कार्रवाई में देरी न्याय के खिलाफ है।

क्या कहती है कोर्ट की टिप्पणी?

  • “प्रथम दृष्टया अपराध का खुलासा हो चुका है।”
  • “एफआईआर दर्ज करना कानून का कर्तव्य है।”
  • “SIT से उम्मीद है कि वह साजिश का पूरी तरह से पर्दाफाश करेगी।”

सवालों के घेरे में पुलिस:
इस मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। हिरासत में हुई मौत, वह भी एक आरोपी की – अब जांच का विषय बन चुकी है। कोर्ट का यह निर्णय आने वाले समय में राज्य की कानून व्यवस्था और पुलिस जवाबदेही पर बड़ी बहस छेड़ सकता है।


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