रामनाथ कोविंद भाजपा के पिंजरे का तोता हैं; ठाकरे गुट के सांसद की तीखी आलोचना
माजी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार समिति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के संबंध में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है। देशव्यापी चर्चा के बाद यह नीति लागू की जा सकती है, लेकिन इसका विपक्षी दलों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस और महाविकास आघाडी के शिवसेना ठाकरे गुट ने इस नीति का विरोध जताया है।
शिवसेना ठाकरे गुट के सांसद अरविंद सावंत ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वर्तमान में देश की प्राथमिकताएं कुछ और हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव हरियाणा के साथ क्यों नहीं करवाए गए? जो दो राज्यों के चुनाव एक साथ नहीं कर सकते, वे कितने झूठे और पाखंडी हैं। यह देश को विघटन की ओर ले जाने का प्रयास है।”
सावंत ने रामनाथ कोविंद पर सीधा हमला करते हुए कहा, “यह देश के महत्वपूर्ण मुद्दों को दरकिनार करने का प्रयास है। भाजपा को क्षेत्रीय दल पसंद नहीं हैं, और यह नीति उनकी पुरानी योजना का हिस्सा है। राज्य से राय नहीं ली जाएगी, यह तो तानाशाही है। कोविंद भाजपा के हाथों की कठपुतली हैं और अब वे राष्ट्रपति नहीं रहे। वे किसके इशारों पर काम कर रहे हैं, यह साफ दिख रहा है।”
साथ ही, भाजपा सांसद अनिल बोंडे द्वारा राहुल गांधी पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सावंत ने कहा, “वे अभी ‘बोंड’ (कच्चा फल) हैं। जब वे ‘फूल’ (पक) जाएंगे, तब उनसे बात की जाएगी। बोंडे भाजपा के जहरीले खाद पर उगने वाले ‘बोंड’ हैं।”