कंगना रनौत के बयान से हरियाणा चुनाव में हलचल: किसान कानून की वापसी की मांग से बीजेपी को झटका
मंडी से बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की बयानबाजी फिर से सुर्खियों में है, जिससे पार्टी को हरियाणा विधानसभा चुनावों में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। जहां बीजेपी के शीर्ष नेता हरियाणा में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कंगना के बयानों से पार्टी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
किसान आंदोलन के बाद चुनौतीपूर्ण चुनावी माहौल
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और हरियाणा में 90 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा। किसान आंदोलन के बाद से बीजेपी को राज्य में पहले से ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, और ऐसे में कंगना रनौत के ताजा बयान ने पार्टी की राह को और मुश्किल कर दिया है।
कंगना ने अपने बयान में किसानों से जुड़े तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग की है, जो पिछले साल हुए किसान आंदोलन के कारण पहले ही रद्द किए जा चुके हैं। कंगना ने कहा, “किसानों को खुद इन कानूनों की मांग करनी चाहिए,” जो स्पष्ट रूप से किसानों के लिए नकारात्मक रूप में लिया जा रहा है।
कांग्रेस ने उठाई आवाज, बीजेपी के लिए मुश्किलें
कंगना के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा, “देश के 750 से ज्यादा किसान शहीद हुए, तब जाकर मोदी सरकार की नींद टूटी और ये काले कानून वापस हुए। अब बीजेपी के सांसद फिर से इन कानूनों की वापसी का प्लान बना रहे हैं। कांग्रेस किसानों के साथ है, और इन काले कानूनों की वापसी अब कभी नहीं होगी।”
कांग्रेस द्वारा कंगना के बयान को तुरंत लपक लेने से यह स्पष्ट हो गया है कि विपक्ष इस मुद्दे को बीजेपी के खिलाफ इस्तेमाल करेगा। कंगना के बयान से किसानों में नाराजगी बढ़ सकती है, जो राज्य में चुनावी समीकरणों को बीजेपी के खिलाफ प्रभावित कर सकती है।
कंगना रनौत के बयान लगातार पार्टी के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ उन्हें बीजेपी के लिए “गुड़ भरी हँसिया” बता रहे हैं, जिसका मतलब है कि पार्टी न तो उन्हें रोक सकती है और न ही उनका साथ पूरी तरह से छोड़ सकती है। कंगना के बयानों से जहां एक तरफ पार्टी का एक वर्ग नाराज हो रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष उन्हें निशाने पर ले रहा है।
किसानों के मुद्दों पर कंगना की बयानबाजी
किसान आंदोलन के बाद, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे किसान-प्रधान राज्यों में चुनावी राजनीति किसानों और उनसे जुड़े मुद्दों के इर्द-गिर्द घूम रही है। हरियाणा में बीजेपी की रणनीति में किसानों का समर्थन जीतना महत्वपूर्ण है, लेकिन कंगना रनौत के लगातार किसानों से जुड़े नकारात्मक बयानों ने पार्टी की स्थिति को कमजोर कर दिया है।
कंगना रनौत के ताजा बयान ने हरियाणा चुनाव में बीजेपी को एक नया सिरदर्द दे दिया है। किसानों के मुद्दों पर उनकी बयानबाजी ने पार्टी की चुनावी रणनीति पर पानी फेरने का काम किया है। किसान आंदोलन के बाद हरियाणा में बीजेपी की राह पहले से ही कठिन थी, और कंगना के बयान ने विपक्ष को एक और मुद्दा दे दिया है, जो पार्टी के लिए भारी पड़ सकता है।