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धर्म संकट में, कृष्ण गोपियों के साथ व्यस्त’: शिवसेना नेता सुषमा अंधारे का विवादित बयान

शिवसेना (यूबीटी) के नव-बौद्ध गुट की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने हाल ही में एक जनसभा में भगवान कृष्ण पर की गई टिप्पणी से भारी विवाद खड़ा कर दिया है। अंधारे ने श्रीकृष्ण के अवतार और उनकी दिव्य लीलाओं को लेकर तंज कसते हुए कहा कि अगर धर्म खतरे में है, तो भगवान कृष्ण अब तक अवतार क्यों नहीं ले रहे हैं। उन्होंने भगवद गीता के लोकप्रिय श्लोक ‘यदा यदा हि धर्मस्य’ का हवाला देते हुए कहा, “भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि जब भी धर्म संकट में होगा, वह अवतार लेंगे। आज कम पाप नहीं हो रहे, फिर भी श्रीकृष्ण जन्म नहीं ले रहे। शायद बेचारा बिजी होगा। इतनी सारी गोपिकाएं हैं, किसी एक गोपी के साथ डेट पर गया होगा।”

अंधारे की यह टिप्पणी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे धार्मिक समुदायों में आक्रोश फैल गया। कई धार्मिक नेताओं और भक्तों ने इसे हिंदू धर्म के सबसे पूजनीय देवताओं में से एक भगवान श्रीकृष्ण का घोर अपमान बताया। उनके इस बयान पर तीखी आलोचना हो रही है, खासकर श्रीकृष्ण की गोपियों के साथ लीलाओं का उपहास किए जाने को लेकर।

अंधारे की टिप्पणी ने गीता के श्लोकों और भक्ति परंपरा से जुड़े आध्यात्मिक महत्व को नीचा दिखाने के रूप में देखा जा रहा है। आलोचकों का कहना है कि इस तरह की अभिव्यक्ति धार्मिक आस्थाओं का मजाक उड़ाने और हिंदू धर्म की पवित्र मान्यताओं का अपमान करने के बराबर है। कई लोगों ने इसे ईशनिंदा की सीमा तक पार कर जाना बताया, और मांग की कि अंधारे अपने इस बयान पर माफी मांगें।

सुषमा अंधारे का यह बयान उस समय सामने आया है जब देश में धर्म और राजनीति के मुद्दों पर पहले से ही तनाव का माहौल है। कई हिंदू संगठनों और धार्मिक नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अंधारे ने न केवल श्रीकृष्ण के अवतार पर सवाल उठाया, बल्कि गोपियों के साथ उनकी लीलाओं का भी मजाक उड़ाया, जो भक्ति परंपरा और भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र हैं।

इसके साथ ही, कई आलोचकों ने कहा कि अंधारे की टिप्पणी से धार्मिक सहिष्णुता और आस्था की मर्यादा को ठेस पहुंची है, और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा से बाहर चली गई है। उनका कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को सस्ती टिप्पणियों में घसीटकर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जो न केवल हिंदू धर्म की पवित्र मान्यताओं को ठेस पहुंचाती है, बल्कि देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

घटनाक्रम को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि अंधारे इस विवाद पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं और क्या वह अपने बयान पर माफी मांगेंगी या अपने रुख पर कायम रहेंगी।

खासदार टाइम्स

खासदार टाईम्स {निडर, निष्पक्ष, प्रखर समाचार, खासदार की तलवार, अन्याय पे प्रहार!} हिंदी/मराठी न्यूज पेपर, डिजिटल न्यूज पोर्टल/चैनल) RNI No. MAHBIL/2011/37356 संपादक - खान एजाज़ अहमद, कार्यकारी संपादक – सय्यद फेरोज़ आशिक

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