वक्फ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ जयपुर में मुस्लिम समाज का जोरदार विरोध, 24 नवंबर को दिल्ली कूच की घोषणा
जयपुर में रविवार को वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में एक विशाल सभा का आयोजन किया गया, जिसमें मुस्लिम समाज के प्रमुख नेताओं ने शामिल होकर बिल को मुसलमानों के खिलाफ साजिश करार दिया। इस विरोध सभा में कई प्रमुख वक्ताओं ने वक्फ संशोधन बिल को अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला बताया और इसके खिलाफ सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया।
“वक्फ का महत्व समझने में सरकार नाकाम” – सांसद इमरान मसूद
विरोध सभा को संबोधित करते हुए जेपीसी सदस्य और सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद ने कहा कि सरकार को वक्फ की वास्तविकता और उसके महत्व की जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि वक्फ संपत्तियों को धार्मिक उद्देश्यों के लिए सुरक्षित रखा गया है और इसे छेड़ना मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “आज मुस्लिम समाज का नंबर आया है, कल मंदिरों का नंबर आएगा। सरकार की मंशा ठीक नहीं है और यह संविधान में दिए गए धार्मिक अधिकारों के खिलाफ है।”
“यह लड़ाई रब से है” – सांसद मुजीबुर्रहमान
सभा में जेपीसी सदस्य और सांसद मुजीबुर्रहमान ने भी कड़ा विरोध जताया। उन्होंने इस कानून को धार्मिक भावना पर चोट बताते हुए कहा कि “यह लड़ाई हमसे नहीं बल्कि रब से मोल ली गई है। हमारे बुजुर्गों ने इस देश के लिए खून बहाया है और आज इस देश को तोड़ने की कोशिश हो रही है। शिक्षा के बजट में कटौती, स्कूलों को बंद करना और मुसलमानों पर आरोप लगाना असल में देश को कमजोर करने का षड्यंत्र है।”
उन्होंने सभी धर्मों के लोगों को एकजुट होकर विरोध करने का आह्वान किया और कहा कि यह सरकार हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई किसी के भी हित में नहीं है। उन्होंने समाज को एकता के साथ खड़े रहने का संदेश दिया।
24 नवंबर को दिल्ली कूच की घोषणा
विरोध सभा में एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई कि 24 नवंबर को मुस्लिम समाज द्वारा दिल्ली कूच किया जाएगा। सभा में नेताओं ने अपने विरोध को और तीव्र करते हुए कहा कि दिल्ली में सरकार को इस कानून के खिलाफ मुस्लिम समाज की ताकत का एहसास करवाया जाएगा। मौलाना तौकीर रजा ने कहा, “धार्मिक भावनाओं को भड़काने वालों को सरकार का समर्थन प्राप्त है। हम अपनी जमीनों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो हम सारे कानून तोड़ने पर मजबूर होंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि “यदि जयपुर से कूच होता है तो दिल्ली तक जाम होना चाहिए,” जिससे यह संकेत मिलता है कि यह विरोध व्यापक हो सकता है।
विरोध सभा में मुख्य बिंदु
- सरकार की मंशा पर सवाल: वक्ताओं ने वक्फ संपत्तियों पर कानून में बदलाव की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे मुसलमानों के खिलाफ साजिश बताया।
- मुस्लिम समाज का नंबर, मंदिरों का नंबर भी आएगा: नेताओं का कहना था कि यह सिर्फ मुसलमानों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों पर भी प्रभाव पड़ेगा।
- शिक्षा का बजट और स्कूलों पर हमला: मुजीबुर्रहमान ने शिक्षा में कटौती और स्कूलों की बंदी को देश को कमजोर करने का एक कदम बताया।
- कानून का उल्लंघन करने की चेतावनी: विरोध सभा में चेतावनी दी गई कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो कानूनों का उल्लंघन होगा और बड़े स्तर पर विरोध किया जाएगा।
वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर मुस्लिम समाज में गहरी असंतोष की भावना दिखाई दे रही है। जयपुर में आयोजित इस विरोध सभा में सरकार के खिलाफ सख्त लहजा अपनाते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला करार दिया गया। 24 नवंबर को प्रस्तावित दिल्ली कूच के बाद स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। नेताओं का कहना है कि यह विरोध केवल मुसलमानों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सभी धर्मों के लोग इस कानून के खिलाफ एकजुट होंगे।