प्रकाश अंबेडकर ने सरकार को समर्थन देने का किया ऐलान, त्रिशंकु विधानसभा की जताई संभावना
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार का शोर 18 नवंबर की शाम थम जाएगा, और 20 नवंबर को राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर एक चरण में मतदान होगा। मतगणना 23 नवंबर को होगी, लेकिन नतीजों से पहले ही राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हैं।
वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के नेता प्रकाश अंबेडकर ने अपनी पार्टी की रणनीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। अकोला में मीडिया से बात करते हुए अंबेडकर ने कहा कि चुनाव नतीजों के बाद उनकी पार्टी सत्ता पक्ष का समर्थन करेगी। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
मौजूदा राजनीति को बताया ‘सिद्धांतविहीन’
प्रकाश अंबेडकर ने यह भी भविष्यवाणी की कि इस बार महाराष्ट्र विधानसभा त्रिशंकु रह सकती है। उन्होंने कहा, “मौजूदा राजनीति पूरी तरह सिद्धांतविहीन हो चुकी है। इन हालातों में कोई भी पार्टी किसी भी तरफ जा सकती है। सत्ता पक्ष के साथ जाना अब आवश्यक हो गया है।”
उन्होंने महायुति और महाविकास आघाड़ी के विकल्पों को खुला बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी चुनाव नतीजों के बाद सरकार के गठन में अपनी भूमिका निभाएगी।
बीजेपी और मीडिया पर हमला
अंबेडकर ने बीजेपी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर हमला बोलते हुए इसे धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि, “बीजेपी विकास के मुद्दों पर असफल रही है, इसलिए वह धार्मिक आधार पर मतों का विभाजन कर रही है।”
साथ ही, उन्होंने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वंचित बहुजन आघाड़ी और वंचित समाज के मुद्दों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
राजनीतिक समीकरण और नई बहस
अंबेडकर के बयान से राजनीतिक समीकरणों पर अटकलें तेज हो गई हैं। त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में वंचित बहुजन आघाड़ी निर्णायक भूमिका निभा सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि नतीजों के बाद राज्य में किस प्रकार की सरकार बनेगी और प्रकाश अंबेडकर की भूमिका क्या होगी।