मणिपुर में हालात फिर बेकाबू, हिंसा के बाद 5 जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट सेवाएं बंद
मणिपुर में तनाव और हिंसा एक बार फिर बढ़ गई है। जिरीबाम जिले की एक नदी से छह लापता व्यक्तियों के शव मिलने के बाद राज्य में अशांति फैल गई। इन शवों की बरामदगी के बाद मैतयी समुदाय के लोगों में आक्रोश भड़क उठा। प्रदर्शनकारियों ने कई मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमला बोल दिया।
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और हिंसा
शनिवार को गुस्साई भीड़ ने इंफाल घाटी जिलों में बड़े पैमाने पर हिंसा की। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद समेत तीन विधायकों के घरों पर तोड़फोड़ की और संपत्तियों को आग लगा दी। स्वास्थ्य मंत्री सापम रंजन के इंफाल पश्चिम जिले में स्थित घर पर भी भीड़ ने हमला किया।
सापम रंजन ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि वह इस मामले को कैबिनेट बैठक में उठाएंगे। उन्होंने कहा, “अगर सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान नहीं करती, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं।”
कर्फ्यू और इंटरनेट बंद
हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है। साथ ही सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।
घटना की पृष्ठभूमि
11 नवंबर को मणिपुर की इंफाल घाटी से एक ही परिवार के छह लोग लापता हो गए थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। अब उनके शव असम की सीमा के पास एक नदी से बरामद किए गए हैं। घटना के लिए कुकी समुदाय पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
जैसे ही यह खबर मैतयी समुदाय के लोगों तक पहुंची, उनका गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और हिंसा करने लगे। वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और कई स्थानों पर तोड़फोड़ की गई।
सुरक्षा बलों की तैनाती और स्थिति
राज्य में भारी संख्या में सेना और सुरक्षा बल पहले से तैनात हैं, लेकिन इसके बावजूद हिंसा को रोका नहीं जा सका। पुलिस और सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
समाज में बढ़ती दरार
मणिपुर में कुकी और मैतयी समुदाय के बीच बढ़ता तनाव एक बार फिर उभरकर सामने आया है। यह घटना राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
आगे की कार्रवाई
राज्य सरकार के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती है। हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और उनकी सरकार पर दबाव बढ़ गया है। स्वास्थ्य मंत्री का बयान और इस्तीफे की पेशकश यह दर्शाती है कि सरकार पर जनता के गुस्से का असर हो रहा है।
स्थिति नाजुक
मणिपुर में लगातार बढ़ रही हिंसा और आपसी संघर्ष ने राज्य को संवेदनशील बना दिया है। राज्य सरकार और केंद्र को मिलकर इस संकट का समाधान निकालना होगा, ताकि शांति बहाल की जा सके।