अजमेर दरगाह पर विवाद: अशोक गहलोत ने BJP-RSS को घेरा, धर्म के नाम पर राजनीति का लगाया आरोप
जयपुर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर शिव मंदिर का दावा करने वाली याचिका की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे बीजेपी और आरएसएस की धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा बताया। गहलोत ने कहा कि धार्मिक स्थलों को लेकर बार-बार विवाद खड़ा करना देश की प्रगति और असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
धार्मिक स्थलों पर विवाद न उठाने का कानून
गहलोत ने स्पष्ट किया कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 के अनुसार, 15 अगस्त 1947 से पहले जो धार्मिक स्थल जिस रूप में थे, उन्हें उसी रूप में बनाए रखने का प्रावधान है। उन्होंने कहा, “बाबरी मस्जिद विवाद के समय यह कानून बनाया गया था ताकि धार्मिक स्थलों को लेकर कोई नया विवाद न खड़ा हो। लेकिन अब लगातार इस कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।”
BJP-RSS पर निशाना
गहलोत ने बीजेपी और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आने के बाद से वे धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र, हरियाणा और लोकसभा चुनावों में धार्मिक ध्रुवीकरण के जरिए चुनाव जीते गए। सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह विपक्ष को साथ लेकर चले और उनकी बात सुने, लेकिन मौजूदा सरकार इस दिशा में पूरी तरह विफल है।”
“देश के असली मुद्दे पीछे छूट रहे हैं”
गहलोत ने चिंता व्यक्त की कि धार्मिक स्थलों को लेकर बार-बार विवाद खड़ा करने से देश के असली मुद्दे पीछे छूट रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब यह कानून पहले ही पास हो चुका है, तो बार-बार मंदिर और दरगाह की ऐतिहासिकता पर विवाद खड़ा करना देश के विकास के मुद्दों को दरकिनार करने का तरीका है।”
अजमेर दरगाह पर मुकदमे का जिक्र
गहलोत ने अजमेर शरीफ दरगाह के स्थान पर शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका को खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे मुकदमों के जरिए सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है, जो देश की धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक एकता के लिए खतरा है।
धार्मिक स्थलों पर विवाद का बढ़ता चलन
गहलोत ने कहा कि धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद खड़ा करना बीजेपी की राजनीति का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने आगाह किया कि इस तरह के विवाद देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
गहलोत का आह्वान
अशोक गहलोत ने अपील की कि सरकार को देश के असली मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे कि रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास। उन्होंने कहा, “धर्म और राजनीति को अलग रखना समय की जरूरत है। धार्मिक स्थलों को लेकर विवादों को समाप्त करना और देश में शांति और सौहार्द बनाए रखना सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है।”
विशेष: अजमेर शरीफ दरगाह के खिलाफ दायर मुकदमे पर अदालत में सुनवाई जारी है। इस बीच, धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने संयम और शांति बनाए रखने की अपील की है।